'बुझी लालटेन' को 'बूढ़े तीर' से आस: नीतीश का राष्ट्रगान या जंगलराज?

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले, राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मानसिक स्वास्थ्य को एक प्रमुख मुद्दा बना दिया है, खासकर राष्ट्रगान के दौरान उनके आचरण के संबंध में। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया और माफी की मांग की, जबकि जदयू के जग नारायण यादव ने इस मुद्दे को महत्वहीन बताया। वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा की चुप्पी से उन्हें नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह राष्ट्रवाद के मुद्दे पर सवाल उठाता है।

Mar 22, 2025 - 17:08
'बुझी लालटेन' को 'बूढ़े तीर' से आस: नीतीश का राष्ट्रगान या जंगलराज?
पटना: बिहार विधानसभा 2025 चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कथित मानसिक स्थिति को राजद एक बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है। विशेष रूप से, राष्ट्रगान के दौरान उनके व्यवहार को लेकर राजद इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रगान का अपमान किया है और उन्हें 140 करोड़ देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की।

जदयू कार्यकारिणी के सदस्य जग नारायण यादव ने राजद को मुद्दा विहीन पार्टी बताते हुए कहा कि राष्ट्रगान को मुद्दा बनाने का कोई असर बिहार की जनता पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने राबड़ी देवी का उदाहरण दिया, जो खुद राष्ट्रगान के दौरान बैठी रही थीं, फिर भी राजद के वोट बैंक पर कोई असर नहीं पड़ा था।

वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क का मानना है कि नीतीश कुमार का राष्ट्रगान के दौरान का व्यवहार भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है, खासकर राष्ट्रवाद के मुद्दे पर। उन्होंने कहा कि इस मामले पर भाजपा की चुप्पी से काम नहीं चलेगा और उन्हें कोई स्टैंड लेना होगा।