मऊगंज में आदिवासी हिंसा: एएसआई की हत्या, विवाद की असली वजह
मध्य प्रदेश के मऊगंज में आदिवासी हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक एएसआई की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हिंसा का कारण दो महीने पहले हुई एक सड़क दुर्घटना और कथित हत्या से जुड़ा विवाद है। गड़रा गांव में तनाव व्याप्त है, धारा 163 लागू कर दी गई है और भारी पुलिस बल तैनात है। एएसआई की हत्या का मुख्य आरोपी अभी भी अज्ञात है और जांच जारी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख व्यक्त किया है।

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को आदिवासियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना में एक एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) की जान चली गई, जबकि कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
क्या है मामला?
दरअसल, आदिवासियों ने एक ब्राह्मण परिवार के युवक को बंधक बना लिया था। सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची, जिसके बाद आदिवासियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस घटना में हनुमना तहसीलदार भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
शाहपुरा थाने का मामला
यह घटना शाहपुरा थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में हुई। बताया जा रहा है कि आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की। युवक के परिवार को इसकी सूचना मिली, जिसके बाद वे गांव में जमा हो गए। उसी समय, लगभग 250 आदिवासी भी वहां पहुंच गए। युवक के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस फोर्स गांव में पहुंची।
पुलिस को कमरे में मिला युवक का शव
पुलिस अधिकारियों, तहसीलदार, एसडीओपी, थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। जब पुलिस ने बंधक बनाए गए युवक को छुड़ाने के लिए कमरे में प्रवेश किया, तो वे दंग रह गए। आदिवासियों ने उस युवक, सनी, की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्या के मामले में दो आदिवासियों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई।
विवाद का कारण
इस विवाद का मुख्य कारण दो महीने पहले हुई एक सड़क दुर्घटना है। दुर्घटना में अशोक कोल नामक एक युवक की मौत हो गई थी। आदिवासियों का आरोप है कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी। अशोक के परिवार ने सनी द्विवेदी को इस घटना का जिम्मेदार माना था।