खरगोन: कलेक्टर भव्या मित्तल की बड़ी कार्रवाई, 84 लाख के गबन में तीन अधिकारी निलंबित

खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल ने 84 लाख के गबन में तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की है। यह मामला पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताओं से जुड़ा है। सहायक संचालक इतिशा जैन, आशीष दुबे और क्लर्क शेखर रावत पर मामला दर्ज हुआ है, और शेखर रावत को गिरफ्तार किया गया है। कलेक्टर मित्तल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है, जिसमें 2021-23 में 84 लाख से अधिक का फर्जी भुगतान किया गया। इतिशा जैन ने दावा किया कि उन्होंने ही गबन उजागर किया, पर कलेक्टर ने उनकी भूमिका को भी संदिग्ध माना।

Mar 8, 2025 - 16:56
खरगोन: कलेक्टर भव्या मित्तल की बड़ी कार्रवाई, 84 लाख के गबन में तीन अधिकारी निलंबित
खरगोन जिले की कलेक्टर भव्या मित्तल ने 84 लाख रुपए के गबन के मामले में तीन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है। यह मामला पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति वितरण में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।

आईएएस अधिकारी भव्या मित्तल, जो पहले बुरहानपुर में अपनी कार्यशैली के लिए चर्चित रहीं, अब खरगोन में भी सक्रिय हो गई हैं। उनके निर्देश पर पुलिस ने तीन अधिकारियों - सहायक संचालक इतिशा जैन, डीडीओ क्रिएटर आशीष दुबे और क्लर्क शेखर रावत के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन अधिकारियों पर 84 लाख रुपए से अधिक की छात्रवृत्ति राशि के गबन का आरोप है।

कलेक्टर भव्या मित्तल ने पत्रकारों को बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने 2021, 2022 और 2023 में बिना अनुमति के 84 लाख 39 हजार 977 रुपए का फर्जी भुगतान किया। इस मामले में वसूली के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन इतिशा जैन ने विभागीय जांच और एफआईआर दर्ज कराने में लापरवाही बरती।

इतिशा जैन ने दावा किया कि उन्होंने ही इस गबन को उजागर किया और उनके फर्जी हस्ताक्षर से राशि ट्रांसफर की गई। हालांकि, कलेक्टर का कहना है कि जांच में इतिशा जैन की भूमिका और मिलीभगत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले की जांच सहायक आयुक्त आदिवासी विकास प्रशांत आर्य, अपर कलेक्टर जे एस बघेल और जिला कोषालय अधिकारी आनंद पटले ने की थी। जांच में पाया गया कि इतिशा जैन ने सबसे पहले इस मामले को उठाया, लेकिन डीडीओ के तौर पर उन्होंने अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं किया। आशीष दुबे और शेखर रावत पर भी अपने कर्तव्यों का पालन न करने का आरोप है। शेखर रावत ने एक वीडियो में कहा कि कर्जदारों के दबाव में उन्होंने यह फर्जीवाड़ा किया।

पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने बताया कि 22 फरवरी को मामला दर्ज किया गया और शेखर रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं।

इतिशा जैन का कहना है कि उन्होंने ही इस अनियमितता की जानकारी कलेक्टर को दी थी और एफआईआर के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें भी आरोपी बना दिया गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इतिशा जैन को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है और उन्हें भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत दी गई है。