भाजपा का कानपुर में जातीय समीकरण: 2027 चुनाव की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों की घोषणा करते हुए जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। कानपुर की चार जिला इकाइयों में ब्राह्मण, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति और पिछड़ी जातियों के नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष के गठबंधन से सबक लेते हुए, भाजपा ने विधानसभा चुनाव में ऐसी स्थिति से बचने के लिए कदम उठाए हैं। कानपुर की तीन जिला इकाइयों और देहात में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा गया है। शिवराम सिंह चौहान, अनिल दीक्षित, उपेंद्र कुशवाहा और रेणुका सचान को क्रमशः कानपुर दक्षिण, कानपुर उत्तर, ग्रामीण और कानपुर देहात का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

Mar 17, 2025 - 17:00
भाजपा का कानपुर में जातीय समीकरण: 2027 चुनाव की तैयारी
कानपुर में भाजपा का जातीय समीकरण: 2027 चुनाव की तैयारी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में अपने जिलाध्यक्षों की घोषणा करते हुए जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। कानपुर की चार जिला इकाइयों में, पार्टी ने ब्राह्मण, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति और पिछड़ी जातियों के नेताओं को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस कदम का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को मजबूत करना है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा बनाए गए पिछड़े और दलित गठबंधन से सबक लेते हुए, भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि विधानसभा चुनाव में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

कानपुर की तीन जिला इकाइयों और देहात को मिलाकर, भाजपा ने सभी जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा है। कानपुर उत्तर जिले में ब्राह्मण, दक्षिण जिले में क्षत्रिय, ग्रामीण में अनुसूचित जाति और देहात में पिछड़ी जाति के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।

भाजपा ने कानपुर दक्षिण से शिवराम सिंह चौहान को फिर से जिलाध्यक्ष बनाया है, जबकि अनिल दीक्षित को कानपुर उत्तर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। उपेंद्र कुशवाहा को ग्रामीण जिलाध्यक्ष और रेणुका सचान को कानपुर देहात का जिलाध्यक्ष बनाया गया है।

पार्टी का मानना है कि इन नियुक्तियों से कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में पार्टी को मजबूती मिलेगी, जहाँ पिछड़ी जातियों की अच्छी खासी आबादी है।