DRDO का खुलासा: भारत को 2035 तक मिलेगा 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट

डीआरडीओ चीफ समीर वी. कामत ने बताया कि भारत को पहला 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट 2035 तक मिलेगा। उन्होंने लेजर हथियार से लक्ष्य भेदने की क्षमता का प्रदर्शन किया और कहा कि भारत एयरो इंजन प्रोग्राम के लिए विदेशी कंपनियों से सहयोग करेगा। कई अन्य प्रोजेक्ट भी इस साल पूरे होंगे। भारत अब उन देशों में शामिल है जिनके पास लेजर हथियार जैसी आधुनिक तकनीक है। DRDO is also working on high energy microwave and electromagnetic pulse technologies, which will give it star wars like capabilities.

Apr 14, 2025 - 16:33
DRDO का खुलासा: भारत को 2035 तक मिलेगा 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट
नई दिल्ली: भारत अपनी सैन्य शक्ति को लगातार बढ़ा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में लेजर हथियार से लक्ष्य को भेदने की क्षमता का प्रदर्शन किया।

डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी. कामत ने यह भी बताया कि भारत का पहला स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA), 2035 तक तैयार हो जाएगा।

कामत ने कहा कि एक नया फाइटर जेट बनाने में 10 से 15 साल लगते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को 2024 में मंजूरी मिली थी, इसलिए 2035 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

एयरो इंजन प्रोग्राम:
डीआरडीओ एक एयरो इंजन प्रोग्राम शुरू करना चाहता है और इसके लिए विदेशी कंपनियों के साथ सहयोग करने की योजना है। कामत ने कहा कि इंजन तकनीक बहुत जटिल है, लेकिन भारत ने कावेरी इंजन से बहुत कुछ सीखा है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान इंजन तकनीक सिक्स्थ जनरेशन में पहुंच गई है, इसलिए विदेशी कंपनियों के साथ काम करके विकास के समय को कम किया जा सकता है। उम्मीद है कि इस बारे में जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी।

अन्य प्रोजेक्ट:
कामत ने बताया कि कई अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी इस साल पूरे होने वाले हैं। इनमें VSHORAD, MPATGM और LCA Mark II शामिल हैं।

डीआरडीओ चेयरमैन ने यह जानकारी 30-किलोवाट लेजर-आधारित हथियार प्रणाली के प्रदर्शन के दौरान दी। इस प्रणाली से विमानों, मिसाइलों और ड्रोनों को मार गिराया जा सकता है।

कामत ने कहा कि भारत हाई एनर्जी माइक्रोवेव और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसी तकनीकों पर भी काम कर रहा है, जो उसे 'स्टार वार्स' जैसी क्षमता प्रदान करेंगी।

इस सफलता के साथ, भारत अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनके पास लेजर हथियार जैसी आधुनिक तकनीक है।