मनरेगा की जगह आएगा G Ram G: संसद में नया बिल पेश करेगी सरकार, 125 दिन रोजगार की मिलेगी गारंटी

सरकार मनरेगा की जगह जी राम जी को लाने के लिए संसद में एक नया बिल पेश करेगी। इस बिल के तहत, लोगों को 125 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। सरकार का उद्देश्य इस नए कार्यक्रम के माध्यम से रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। यह विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Dec 15, 2025 - 15:43
मनरेगा की जगह आएगा G Ram G: संसद में नया बिल पेश करेगी सरकार, 125 दिन रोजगार की मिलेगी गारंटी

मनरेगा को अलविदा कहने का वक्त करीब! केंद्र सरकार अब एक बिल्कुल नए और दमदार कानून G Ram G को लाने जा रही है, जो आने वाले दिनों में ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकता है। फाइल फोटो में दिख रही झलक अब एक बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं।

बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी करते हुए केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह नया कानून लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। लोकसभा सांसदों के बीच विधेयक की प्रति बांट दी गई है, जिससे साफ है कि मनरेगा का अध्याय अब खत्म होने के कगार पर है और ग्रामीण रोजगार संरचना में बड़ा पुनर्गठन होने वाला है।

सूत्रों के मुताबिक, नए कानून का नाम ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) 2025’ रखा गया है, जिसे संक्षेप में VB-G RAM G कहा जाएगा। दावा किया जा रहा है कि यह मिशन ग्रामीण विकास को एक नई ऊंचाई देगा और गांवों में रोजगार के लिए मजबूत और आधुनिक ढांचा तैयार करेगा।

नए प्रस्ताव में यह महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल है कि हर ग्रामीण परिवार को प्रति वित्तीय वर्ष 125 दिनों तक मजदूरी रोजगार की गारंटी दी जाएगी। उम्मीद है कि लोकसभा में इस पर जल्द ही जोरदार चर्चा होगी। कानून लागू होने के बाद ऐसे परिवारों को सीधी गारंटी मिलेगी, जिनके युवा सदस्य शारीरिक श्रम आधारित कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं।

विधेयक के मसौदे में यह भी प्रस्तावित है कि काम पूरा होने के 7 से 15 दिनों के भीतर भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाए। और अगर ऐसा नहीं होता, तो सरकार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए बाध्य होगी—यानी देरी का सीधा मुआवजा। यह प्रावधान ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।

संसद में बिल पेश होने से पहले बीजेपी ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने अपने सभी सांसदों को आदेश दिया है कि 15 से 19 दिसंबर के बीच हर हाल में लोकसभा में मौजूद रहें। इस कदम से अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार इस विधेयक को किसी भी कीमत पर पास कराने के मूड में है।