बेटी शहजादी के वादे को पिता ने तोड़ा, अबू धाबी में फांसी के बाद उठाया ये कदम
यूएई में बेटी को फांसी दिए जाने के बाद पिता शब्बीर ने उसकी अंतिम इच्छा मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह उजैर को कभी माफ नहीं करेंगे और दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करके उसे सजा दिलाएंगे। शहजादी ने अपनी अंतिम इच्छा में उजैर को माफ करने का अनुरोध किया था, लेकिन पिता ने बेटी की मौत के बाद अपना फैसला बदल दिया। शब्बीर ने उजैर पर शहजादी को बेचने और उसके डेबिट कार्ड से पैसे निकालने का आरोप लगाया है। परिवार अब शहजादी की कब्र पर फातिहा पढ़ने और उसका सामान वापस लाने के लिए यूएई जाना चाहता है और आर्थिक सहायता की अपील कर रहा है।
शब्बीर ने कहा कि भले ही पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी हो, लेकिन वह दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करके उजैर को सजा दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि बेटी को खोने का दर्द और उसे इस हालत में पहुंचाने वालों को सजा दिलाने की चाहत अब उन्हें चैन से बैठने नहीं दे रही है।
शहजादी की अंतिम इच्छा थी कि उजैर को माफ कर दिया जाए। 14 फरवरी की रात 11.59 बजे, अबू धाबी जेल प्रशासन ने शहजादी की उसके पिता से अंतिम बार बात कराई थी। शहजादी ने अपनी अंतिम इच्छा में कहा था कि उसके अम्मी-अब्बू से बात कराई जाए। बातचीत के दौरान, उसने अपने पिता से अनुरोध किया था कि आगरा के उजैर के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस ले लिया जाए। पिता शब्बीर ने बेटी की इस अंतिम इच्छा पर सहमति भी जताई थी, लेकिन बेटी की मौत के बाद शब्बीर ने अपना फैसला बदल दिया।
शहजादी के पिता शब्बीर ने बताया कि फेसबुक के जरिए उजैर ने शहजादी से दोस्ती की थी। इसके बाद उसे आगरा बुलाकर बहला-फुसलाकर दुबई ले गया। शब्बीर ने आरोप लगाया कि उजैर ने शहजादी को दुबई में बेच दिया और उसके डेबिट कार्ड से पैसे भी निकाल लिए। इस मामले में शब्बीर ने कोर्ट के आदेश पर मटौंध थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने इस पर फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामला बंद कर दिया। शब्बीर ने कहा कि उस वक्त वह बेटी को बचाने में लगे थे, इसलिए इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सके, लेकिन अब वह इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती देकर उजैर को कड़ी सजा दिलाएंगे।
शहजादी की मौत के बाद, शब्बीर तुरंत दिल्ली गए, जहां से उन्हें यूएई जाने की अनुमति मिली, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह यूएई नहीं जा सके। इसके अलावा, उनकी पत्नी के पास पासपोर्ट भी नहीं था। अब परिवार शहजादी की कब्र पर फातिहा पढ़ने और उसका सामान वापस लाने के लिए यूएई जाना चाहता है। शब्बीर ने भारत सरकार और आम जनता से आर्थिक सहायता की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे। शब्बीर ने कहा कि गांव के लोग और रिश्तेदार इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं और उजैर को सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।