इलाहाबाद HC: स्तन स्पर्श, पायजामा डोरी खोलना बलात्कार नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कासगंज जिले के एक मामले में कहा कि महिला के स्तन को छूना या पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार नहीं है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ बलात्कार के प्रयास का आरोप हटाकर आईपीसी की धारा 354 (बी) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामूली आरोप तय किए। कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर यौन हमला है, बलात्कार नहीं। मामला 11 वर्षीय पीड़िता से जुड़ा है, जिसके साथ यौन उत्पीड़न का प्रयास किया गया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को संशोधित धाराओं के तहत नया समन आदेश जारी करने का निर्देश दिया।

Mar 20, 2025 - 08:31
इलाहाबाद HC: स्तन स्पर्श, पायजामा डोरी खोलना बलात्कार नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी महिला के स्तन को छूना या उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार नहीं माना जाएगा। न्यायमूर्ति राममनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कासगंज जिले के एक मामले में यह स्पष्ट किया।

अदालत ने आरोपियों के खिलाफ बलात्कार के प्रयास के आरोप को निराधार मानते हुए आईपीसी की धारा 354 (बी) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामूली आरोप तय किए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता के साथ जो हुआ, वह गंभीर यौन हमला है, लेकिन इसे बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता।

कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह आरोपियों के खिलाफ संशोधित धाराओं के तहत नया समन आदेश जारी करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि आरोपियों का इरादा बलात्कार करने का था।

यह मामला कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र का है, जहां पवन और आकाश नामक आरोपियों ने 11 वर्षीय पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी। आकाश ने पीड़िता के पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास किया, लेकिन राहगीरों के हस्तक्षेप से आरोपियों को भागना पड़ा।

ट्रायल कोर्ट ने इस मामले को पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के प्रयास और यौन उत्पीड़न का मामला मानते हुए समन आदेश जारी किया था। आरोपियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।