धामी सरकार का धमाकेदार बजट! चुनावी साल में बिहार रिज़ल्ट का बड़ा असर, मातृशक्ति पर होगी मेगा मेहरबानी!
Budget preparations for 2026-27 have commenced, with a strong focus on women's issues by the Dhami government. In light of Bihar election results, the gender budget will see an increase. The administration aims to enhance service delivery to citizens efficiently. Departments are instructed to submit online budget proposals by January 5, 2026, with an emphasis on completing ongoing projects.
उतराखंड में 2026-27, जो कि चुनावी वर्ष है, के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बिहार चुनाव परिणामों के संदर्भ में विपक्ष के उठते सवालों के बीच, पुष्कर सिंह धामी की सरकार नए बजट में जेंडर बजटिंग पर जोर देकर महिलाओं को प्राथमिकता देने का इरादा रखती है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी सेवाएं और योजनाएं आम लोगों और लाभार्थियों तक प्रभावी तरीके से पहुंचे। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे 5 जनवरी, 2026 तक अपने बजट प्रस्तावों को ऑनलाइन प्रस्तुत करें।
धामी सरकार का आगामी बजट कई दृष्टिकोण से विशेष होने वाला है। 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इससे पहले नए बजट में सरकार का भविष्य का दृष्टिकोण साफ दिखाई देगा। दरअसल, बजट का एजेंडा गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के इर्द-गिर्द रचना किया जाएगा। हालाँकि, महिला सशक्तीकरण पर सरकार की नई और आगामी योजनाओं को इस बजट में विशेष महत्व दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट में महिलाओं के लिए जेंडर बजट के तहत 16,961.22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। 2026-27 के बजट में जेंडर बजट की राशि में वृद्धि के साथ कुछ और आकर्षक योजनाएं भी शामिल की जाएँगी।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बुधवार को अगले वित्तीय वर्ष के बजट प्रस्ताव तैयार करने के लिए सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस बजट में नए निर्माण कार्यों के साथ-साथ पुराने कार्यों को पूर्ण करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुराने कार्यों के लिए 80 प्रतिशत और नए कार्यों के लिए 20 प्रतिशत का प्रावधान करने के निर्देश दिए गए हैं। पुराने कार्यों को पूर्ण कर सरकार अपनी उपलब्धियों में जोड़ना चाहती है, ऐसे में इन्हें समय पर पूरा करने को प्राथमिकता दी जा रही है। नए वित्तीय वर्ष का बजट परिणाम बजट यानी आउटकम बजट के साथ प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी तैयारी नियोजन विभाग करेगा। विभागों को इस विषय में प्रारूप मुहैया कराया गया है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चिंता निर्माण कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए धन की कमी है। नए बजट प्रस्ताव में सभी विभागों को योजनाओं को विकसित करते समय जीरो बेस्ड बजटिंग के सिद्धांत पर मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, स्टाफ पर बढ़ते खर्च को नियंत्रित करने के लिए स्टाफ नार्म्स की समीक्षा के निर्देश भी दिए गए हैं। नई नियुक्तियों के लिए ढांचे में नए पदों का सृजन यथासंभव नहीं किया जाएगा, लेकिन अत्यावश्यकता होने पर इस पर विचार किया जा सकता है। इसी तरह, अलाभकारी और गैर-जरूरी अनुदान समाप्त किए जाएंगे। योजनाओं और सेवाओं की प्रभावी और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर और आउटसोर्सिंग द्वारा कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा।