ट्रंप के फैसलों पर विवाद, USAID फंडिंग पर रोक से संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों पर विवाद है, जहां एक जज ने USAID फंड पर रोक लगाने के लिए उनकी आलोचना की है। जज ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिकी मानवीय और विकास कार्यों पर रोक लगाकर संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है, और प्रशासन संसद द्वारा आवंटित फंड को रोक नहीं सकता। हालांकि, जज ने उन अनुबंधों को बहाल करने का आदेश नहीं दिया जिन्हें रद्द कर दिया गया था। विदेश मंत्री ने USAID के 83% कार्यक्रमों को समाप्त करने और शेष को विदेश विभाग के तहत लाने की घोषणा की। ट्रंप ने एलन मस्क को विदेशी सहायता की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद USAID को निशाना बनाया गया। एक अन्य जज ने ट्रंप प्रशासन को सरकारी खर्चों में कटौती से जुड़े गोपनीय अभियानों के रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है।
हालांकि, वाशिंगटन के जिला जज आमिर अली ने ट्रंप प्रशासन को उन हजारों अनुबंधों को बहाल करने का आदेश नहीं दिया, जिन्हें अचानक रद्द कर दिया गया था। ये अनुबंध USAID के मानवीय और विकास कार्यों से जुड़े थे।
इससे पहले, विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने घोषणा की थी कि प्रशासन ने USAID के 83% कार्यक्रमों को समाप्त कर दिया है और शेष कार्यक्रमों को विदेश विभाग के तहत लाया जाएगा। USAID के तहत लगभग 120 देशों में विभिन्न योजनाएं चल रही थीं। ट्रंप ने पदभार संभालने के बाद एलन मस्क को अमेरिकी विदेशी सहायता की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस एजेंसी को निशाना बनाया गया। ट्रंप ने दावा किया था कि विदेशी सहायता का ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो रहा है।
एक अन्य अमेरिकी जज क्रिस्टोफर कूपर ने ट्रंप प्रशासन को सरकारी खर्चों में कटौती से जुड़े गोपनीय अभियानों के रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग का गठन किया और मस्क को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।