ट्रेन में चोरी: गूंगा-बहरा चोर, पाकिस्तान बॉर्डर से गिरफ्तार
इटारसी जीआरपी ने राजस्थान के बाड़मेर से एक गूंगे-बहरे चोर को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान सीमा से 5 किमी दूर है। उसने चलती ट्रेन में 26 लाख रुपये के जेवरात चुराए थे। CCTV फुटेज से पहचान हुई, चोरी के जेवरात बरामद। 19 मार्च 2025 को संदीप मधुकर किर का बैग चोरी हो गया था, जिसमें कीमती सामान था। पुलिस ने संदिग्ध को पकड़ने के लिए देशभर में सूचना दी। 2 अप्रैल को बाड़मेर में सूचना मिली और देवीचंद नामक चोर पकड़ा गया। वह बोलने-सुनने में असमर्थ है। 272.390 ग्राम सोना, मोबाइल, घड़ी बरामद। 5 अप्रैल को गिरफ्तारी, 8 अप्रैल को न्यायालय में पेश।

इटारसी जीआरपी ने एक गूंगे-बहरे चोर को राजस्थान के बाड़मेर से गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान सीमा से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। इस चोर ने चलती ट्रेन में 26 लाख रुपये के जेवरात चुराए थे। आरोपी की पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई और उसके पास से चोरी किए गए जेवरात बरामद किए गए।
मुख्य बातें:
* इटारसी जीआरपी को मिला गूंगा बहरा चोर
* राजस्थान के बाड़मेर से हुआ गिरफ्तार
* चलती ट्रेन से पार किया था जेवर से भरा बैग
19 मार्च 2025 को, संदीप मधुकर किर नामक एक यात्री कोयम्बटूर-जबलपुर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। वे एस-9 कोच में थे और पनवेल से जबलपुर जा रहे थे। इटारसी स्टेशन आने से पहले, जब वे टॉयलेट गए, तो उनका बैग चोरी हो गया।
बैग में कीमती सामान था: सवा लाख रुपये का मोबाइल, दो लाख रुपये की सोने की चेन, पौने दो लाख रुपये की एक और चेन, डेढ़ लाख रुपये की अंगूठी और 45 हजार रुपये की एक और अंगूठी। कुल मिलाकर बैग में करीब पौने आठ लाख रुपये का सामान था। संदीप ने बताया कि उन्होंने ये जेवरात 2003 से 2007 के बीच खरीदे थे, जिनकी उस समय की कीमत करीब 24 लाख 51 हजार रुपये थी।
संदीप ने जबलपुर में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद इटारसी जीआरपी ने मामला दर्ज किया और तुरंत जांच शुरू कर दी। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति उसी कोच से उतरता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने उस व्यक्ति के वीडियो और फोटो देश भर के पुलिस ग्रुप में भेजे और पहचान करने में मदद मांगी।
2 अप्रैल को, जीआरपी बाड़मेर से सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति पकड़ा गया है जिसके पास कीमती जेवरात हैं। पुलिस टीम बाड़मेर रवाना हुई और देवीचंद नामक एक गूंगे-बहरे चोर को पकड़ा। जीआरपी ने जोधपुर कोर्ट से आदेश लेकर माल जब्त कर लिया। देवीचंद के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी, क्योंकि वह अपना नाम लिखकर बताता था। पुलिस ने उसके अंगूठे का निशान और फिंगरप्रिंट लेकर आधार कार्ड से जानकारी निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
पुलिस ने देवीचंद को कोर्ट में पेश किया और उसकी मूक बधिरता की जांच के लिए पुलिस रिमांड ली गई। उसे एम्स भोपाल के ईएनटी विशेषज्ञ के पास ले जाया गया, जहां जांच में पता चला कि वह बोलने और सुनने में पूरी तरह से असमर्थ है।
पुलिस ने देवीचंद से 272.390 ग्राम सोने के जेवरात, सवा लाख रुपये का मोबाइल, घड़ी और कपड़े बरामद किए हैं। देवीचंद को 5 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और पुलिस रिमांड के बाद 8 अप्रैल को उसे न्यायालय में पेश किया गया।
थाना प्रभारी रामसनेही चौहान ने बताया कि देवीचंद को जिस जगह से पकड़ा गया, वह पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि चोर गूंगा-बहरा था, इसलिए उस पर शक करना मुश्किल था। चौहान ने कहा कि स्टेशन से मिले फुटेज को पूरे देश भर की पुलिस तक पहुंचाना मददगार साबित हुआ, वरना इस चोर को पकड़ना मुश्किल हो जाता।
देवीचंद मूक बधिर है, इसलिए उससे पूछताछ करना मुश्किल हो रहा था। वह इशारे में ही कुछ बताता था। पुलिस ने उसकी आंखों की रैटिना, फिंगर प्रिंट समेत अन्य बायोमेट्रिक सबूत जुटाने का प्रयास किया, लेकिन उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई और उसके परिवार के बारे में भी कुछ पता नहीं चला.