दक्षिणा विवाद: दरभंगा में यज्ञ के बाद पंडितों का हंगामा

दरभंगा के जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य आश्रम में लक्ष चंडी और अति महाविष्णु महायज्ञ के बाद पंडितों ने दक्षिणा न मिलने पर हंगामा किया और सड़क जाम कर दी। पंडितों ने महंत बौआ सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया, जबकि महंत ने दक्षिणा देने का दावा किया है। यज्ञ में 2100 पंडितों ने भाग लिया और 25 करोड़ रुपये खर्च हुए। पंडितों और आयोजन समिति के बीच 15,000 रुपये मानदेय देने का समझौता हुआ था। यज्ञ समाप्त होने के बाद पंडितों ने दक्षिणा न मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी। चित्रकूट से आए पंडित अमित मिश्रा ने SDO को शिकायत दर्ज कराई।

Mar 17, 2025 - 16:58
दक्षिणा विवाद: दरभंगा में यज्ञ के बाद पंडितों का हंगामा
दरभंगा में दक्षिणा को लेकर विवाद: पंडितों का हंगामा

दरभंगा के जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य आश्रम में लक्ष चंडी और अति महाविष्णु महायज्ञ के बाद दक्षिणा न मिलने पर पंडितों ने हंगामा किया। उन्होंने सड़क जाम कर दी। महंत बौआ सरकार का कहना है कि दक्षिणा दे दी गई है। इस यज्ञ पर 25 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें 2100 पंडित शामिल थे।

मुख्य बातें:
  • पंडितों ने दक्षिणा न मिलने पर हंगामा किया और सड़क जाम कर दी।
  • महंत का दावा है कि सभी पंडितों को दक्षिणा मिल चुकी है।
  • इस यज्ञ में 2100 पंडितों ने भाग लिया और 25 करोड़ रुपये खर्च हुए।

दरभंगा के जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य आश्रम में लक्ष चंडी और अति महाविष्णु महायज्ञ के बाद पंडितों ने दक्षिणा न मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया। यज्ञ 16 मार्च को समाप्त हुआ, जिसके बाद पंडितों ने रात 2 बजे के करीब विरोध जताना शुरू कर दिया। उन्होंने दरभंगा-मनीगाछी मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और आश्रम के महंत के घर के बाहर नारे लगाए। पंडितों ने महंत बौआ सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है। महंत का कहना है कि सभी पंडितों को दक्षिणा दी जा चुकी है और वे वीडियो देखकर मामले की जांच कर रहे हैं। इस यज्ञ को बिहार का सबसे बड़ा यज्ञ बताया जा रहा है, जिस पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च हुए।

लगमा स्थित जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य आश्रम में 1 मार्च से 16 मार्च तक लक्ष चंडी और अति महाविष्णु महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में देश भर से 2100 पंडितों का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया गया था। ग्यारह मंजिला हवन कुंड बनाया गया। यज्ञ की अनुमानित लागत 25 करोड़ रुपये थी। पंडितों और आयोजन समिति के बीच एक लिखित समझौता हुआ था, जिसमें न्यूनतम 15,000 रुपये का मानदेय देने का वादा किया गया था। यज्ञ में भाग लेने के नियम और कानून भी समझौते में शामिल थे।

यज्ञ समाप्त होने के बाद, पंडितों ने रात लगभग 2 बजे दक्षिणा नहीं मिलने पर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने दरभंगा-मनीगाछी मुख्य सड़क को जाम कर दिया और आश्रम के महंत बौआ सरकार के आवास को घेर लिया। नारेबाजी करते हुए, पंडितों ने महंत पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। चित्रकूट (यूपी) से आए पंडित अमित मिश्रा ने बेनीपुर के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) को फोन कर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि आश्रम के महंत और आचार्य उन्हें पैसे नहीं दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आश्रम के सभी सदस्य बिना पैसे दिए गायब हो गए हैं। महंत बौआ सरकार ने कहा कि यज्ञ में आए सभी पंडितों को दक्षिणा दी गई है। उन्होंने कहा कि वे सुबह से ही वीडियो फुटेज देख रहे हैं और जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।