बिहार दिवस: गौरवमई इतिहास और आधुनिक विकास की झलक
बिहार दिवस, 22 मार्च को मनाया जाता है, बिहार के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दिन को एक नई पहचान दी। आज, बिहार न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर को संजो रहा है, बल्कि विकास के पथ पर भी तेजी से अग्रसर है। यह दिन बिहार के लोगों के लिए एक उत्सव है, जहाँ वे अपनी संस्कृति, नृत्य, संगीत और भोजन का आनंद लेते हैं। बिहार इस दिन अपने महान विभूतियों को भी याद करता है। वर्ष 2005 के बाद, बिहार ने विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दिन को एक नई पहचान दी, जिससे लोगों को अपनी बिहारी पहचान पर गर्व होने लगा। आज, बिहार न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर को संजो रहा है, बल्कि विकास के पथ पर भी तेजी से अग्रसर है।
यह दिन बिहार के लोगों के लिए एक उत्सव है, जहाँ वे अपनी संस्कृति, नृत्य, संगीत और भोजन का आनंद लेते हैं। लिट्टी-चोखा से लेकर मखाना की खीर तक, बिहार के व्यंजन इस दिन विशेष रूप से बनाए और परोसे जाते हैं।
बिहार इस दिन अपने महान विभूतियों को भी याद करता है, जिनमें भगवान बुद्ध, महावीर, आर्यभट्ट, चंद्रगुप्त मौर्य और दशरथ मांझी जैसे लोग शामिल हैं।
वर्ष 2005 के बाद, बिहार ने विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। सड़कों का जाल बिछा है, और नए विश्वविद्यालय और कॉलेज युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं। बिहार दिवस बिहार के लोगों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने राज्य को और भी विकसित और समृद्ध बनाएं।