कांग्रेस की रणनीति: पिछड़ा वर्ग पर फोकस, नेतृत्व में बदलाव की तैयारी
कांग्रेस पार्टी अब पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति पर ध्यान केंद्रित करेगी। अहमदाबाद अधिवेशन में संगठन को मजबूत करने की रणनीति बनी है, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पार्टी के पुराने नेताओं के अनुसार, रणनीति को लागू करने से पहले पार्टी को स्पष्टता लानी होगी। उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रमुख पदों पर सवर्णों का वर्चस्व है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ही भाजपा से मुकाबला कर सकती है और पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए खुलकर राजनीति करने की रणनीति समझाई।

पार्टी के पुराने नेताओं के अनुसार, रणनीति को लागू करने से पहले पार्टी को स्पष्टता लानी होगी। उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रमुख पदों पर सवर्णों का वर्चस्व है, जिनमें दलित, पिछड़े या अल्पसंख्यक समुदाय का कोई भी व्यक्ति नहीं है।
कांग्रेस अब खुलकर पिछड़ों की राजनीति करने की तैयारी कर रही है, जबकि भाजपा इसी वोटबैंक के सहारे मजबूत हुई है। राहुल गांधी ने बिना किसी क्षेत्रीय दल का नाम लिए यह संदेश दिया कि कांग्रेस ही भाजपा से मुकाबला कर सकती है। उन्होंने पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए खुलकर राजनीति करने की रणनीति भी समझाई।
पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सवर्णों की बात नहीं करना चाहता, इसलिए वे अपने वर्गों के वोट को आकर्षित नहीं कर सकते। कांग्रेस का ध्यान पिछड़ों पर है, लेकिन वर्तमान में पार्टी के पास इस वर्ग का कोई प्रमुख नेता नहीं है जिसे आगे किया जा सके। अब दलित और अल्पसंख्यक ही बचते हैं, जो कांग्रेस के पुराने वोटबैंक रहे हैं।