'स्मिता मां हमारी भी...', प्रतीक के सरनेम से राज बब्बर हटाने पर बोले सौतेले भाई आर्य- लेकिन वजूद नहीं बदल सकता
प्रतीक बब्बर ने अपने सरनेम को बदलकर 'प्रतीक स्मिता पाटिल' करने का फैसला किया है, जिससे वह अपनी मां स्मिता पाटिल की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इस पर उनके सौतेले भाई आर्य बब्बर ने कहा कि वजूद नाम से नहीं बदलता। आर्य ने कहा कि स्मिता उनकी भी मां हैं और प्रतीक को जो नाम रखना है, रख सकते हैं। प्रतीक ने 'ईटाइम्स' से बातचीत में कहा था कि उन्हें नतीजों की फिक्र नहीं है और उन्हें अपनी मां की तरह बनना है। आर्य ने निजी मामले पर कहा कि यह लाइफ का हिस्सा है।

राज बब्बर और स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर ने हाल ही में अपने सरनेम को बदलकर 'प्रतीक स्मिता पाटिल' करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मां स्मिता पाटिल की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके सौतेले भाई आर्य बब्बर ने कहा कि यह प्रतीक की पसंद है, लेकिन वजूद नाम से नहीं बदलता।
आर्य बब्बर ने कहा, स्मिता मां हमारी भी मां
आर्य बब्बर ने कहा कि स्मिता पाटिल उनकी भी मां हैं। उन्होंने कहा कि प्रतीक को जो नाम रखना है, वह रख सकते हैं, लेकिन इससे उनका वजूद नहीं बदल जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पारिवारिक झगड़ों के बारे में लोग बातें करेंगे क्योंकि वे एक ऐसे परिवार से हैं जो लोगों की नजरों में है।
प्रतीक ने क्यों बदला सरनेम?
प्रतीक बब्बर ने 'ईटाइम्स' से बातचीत में कहा था कि उन्हें नतीजों की कोई फिक्र नहीं है। वह बस अपने बारे में सोच रहे हैं। उन्हें यह नाम अच्छा लग रहा है। उन्हें अपनी मां की तरह बनना है, पिता की तरह नहीं और उनकी ही विरासत को आगे लेकर जाना है।
आर्य बब्बर ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि लोग उनके निजी मामले को सार्वजनिक रूप से डिस्कस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लाइफ का हिस्सा है और इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।