मैं पूरी तरह टूट गया था', रोहित शर्मा का छलका दर्द, संन्यास पर तोड़ी चुप्पी
2023 वर्ल्ड कप फाइनल की हार ने रोहित शर्मा को मानसिक रूप से तोड़ दिया था और उन्होंने संन्यास तक का विचार कर लिया था. हालांकि समय, आत्मचिंतन और खेल के प्रति प्यार ने उन्हें दोबारा खड़ा किया. उसी दर्द से उबरकर रोहित ने 2024 T20 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाया और अपने करियर को एक यादगार मोड़ दिया.
टीम इंडिया के सुपरस्टार और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने पहली बार 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की कड़वी यादों को दिल से बाहर निकालते हुए चौंकाने वाला सच साझा किया है. रोहित ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली उस हार ने उन्हें इतना तोड़ दिया था कि उन्होंने क्रिकेट से हमेशा के लिए दूर जाने का मन बना लिया था. वह मानसिक और शारीरिक तौर पर पूरी तरह थक चुके थे, जैसे भीतर कुछ बचा ही न हो.
2023 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा का कप्तानी करियर चमक के चरम पर था. उनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने फाइनल तक अपराजित रहते हुए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया. रोहित ने 11 मुकाबलों में 597 रन ठोककर टूर्नामेंट के सबसे खतरनाक ओपनरों में अपनी जगह पक्की की. 54.27 के औसत और लगभग 126 के स्ट्राइक रेट ने हर विपक्षी गेंदबाज की नींद उड़ाई.
फाइनल जिसने तोड़ दिया सपना
अहमदाबाद में खेले गए खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया भारत पर भारी पड़ गया. टीम इंडिया जहां 50 ओवर में सिर्फ 240 रन जोड़ सकी, वहीं कंगारुओं ने ट्रैविस हेड की 137 रनों की तूफानी पारी की बदौलत लक्ष्य को बेहद आसानी से पार कर लिया. इस हार ने हर भारतीय फैन का दिल तोड़ा, लेकिन रोहित के दिल पर इसका असर सबसे गहरा हुआ.
एक कार्यक्रम में जब रोहित से उस रात की भावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बिना किसी झिझक के दिल खोलकर अपनी पीड़ा जगजाहिर कर दी. उन्होंने कहा, "अहमदाबाद की वह रात… उस हार के बाद मुझे लगा कि अब क्रिकेट खेलने का मन ही नहीं बचा."
रोहित का दर्द भरा इकरार
रोहित ने बताया कि यह हार उनके लिए सिर्फ खेल की हार नहीं थी, बल्कि उनके सपनों की चकनाचूर होती तस्वीर थी. उन्होंने कहा कि 2022 में कप्तानी संभालने के बाद से उनका एक ही लक्ष्य था—भारत को वर्ल्ड कप दिलाना. लेकिन जब फाइनल हाथ से फिसला, तो उन्हें लगा जैसे उनकी सारी मेहनत, त्याग और उम्मीदें एक पल में खत्म हो गईं.
उन्होंने आगे कहा कि वह अंदर से पूरी तरह खाली हो चुके थे. उनके पास न ऊर्जा बची थी, न ही हिम्मत. खुद को फिर से खड़ा करने और सामान्य होने में उन्हें कई महीने लगे. उनके शब्दों में, यह उनके जीवन के सबसे कठिन दौरों में से एक था.
रोहित ने माना कि 2024 T20 वर्ल्ड कप उनके सामने खड़ा था, लेकिन 2023 की चोट इतनी गहरी थी कि उन्हें लगने लगा था कि अब देने के लिए शायद कुछ नहीं बचा. लेकिन फिर भी भीतर की आग ने उन्हें फिर से लड़ने की ताकत दी.
उन्होंने कहा कि जब किसी सपने में इतना कुछ लगा दो और नतीजा उम्मीद के उलट आए, तो टूटना स्वाभाविक है. लेकिन वहीं से असली सीख मिलती है—खुद को रीसेट करने की, नई शुरुआत की, और जिंदगी से मुकाबला करने की.
रोहित ने बताया कि उन्हें एहसास था कि अगला बड़ा पड़ाव 2024 का T20 वर्ल्ड कप है जिसे अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेला जाना था. यह सोचकर उन्होंने खुद को दोबारा संभालने का फैसला किया, हालांकि यह राह बेहद कठिन थी.
हार से उभरी जीत की कहानी
और फिर वही रोहित, जिसने 2023 में टूटकर खुद को असहाय महसूस किया था, 2024 में भारत को T20 वर्ल्ड कप जिताकर इतिहास रच गया. इस खिताबी जीत के बाद उन्होंने T20 फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. 2023 की कड़वाहट ही 2024 की महान विजय की असली वजह बन गई.