विजिलेंस की चूक से असली शिक्षक परेशान
सीतामढ़ी में विजिलेंस विभाग की एक चूक के कारण एक शिक्षक, राजेश कुमार, मुश्किल में आ गए। विजिलेंस ने गलती से प्राथमिकी में उनके स्कूल का नाम गलत लिख दिया, जिससे उनका वेतन रोक दिया गया और पुलिस ने उनसे पूछताछ की। बाद में, जांच से पता चला कि वे निर्दोष थे। विजिलेंस एसपी ने स्पष्ट किया कि महुआवा के शिक्षक राजेश कुमार के खिलाफ कोई आरोप नहीं है और उनका वेतन फिर से शुरू किया जाना चाहिए।

विजिलेंस विभाग कई सालों से नियोजित शिक्षकों की जांच कर रहा है। इस मामले में, विभाग ने गलती से हाजीपुर के मध्य विद्यालय के शिक्षक राजेश कुमार के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को फर्जी बता दिया। प्राथमिकी में शिक्षक और उनके पिता का नाम सही था, लेकिन स्कूल का नाम गलत था।
प्राथमिकी में, राजेश कुमार के स्कूल का नाम हाजीपुर के बजाय महुआवा लिखा गया था। संयोग से, महुआवा में भी राजेश कुमार नाम का एक शिक्षक था। जब मीडिया में यह खबर आई, तो स्थापना के डीपीओ ने गलती से महुआवा वाले सही शिक्षक का वेतन रोक दिया।
सही शिक्षक, राजेश कुमार, बहुत परेशान हो गए। पुलिस भी उनसे पूछताछ करने आई, क्योंकि प्राथमिकी में उनके स्कूल का नाम था। राजेश कुमार ने अधिकारियों को सच्चाई बताई, जिसके बाद उन्हें राहत मिली।
राजेश कुमार ने डीईओ को अपनी परेशानी बताई। डीईओ ने विजिलेंस एसपी से मार्गदर्शन मांगा। विजिलेंस एसपी ने स्पष्ट किया कि महुआवा के शिक्षक राजेश कुमार के खिलाफ कोई आरोप नहीं है और उनका वेतन फिर से शुरू किया जाना चाहिए।