नागार्जुन ने अजय देवगन को सुपरहिट फिल्म में किया था रिप्लेस, श्रीदेवी के इस फैसले से अमिताभ थे दंग
1992 की ब्लॉकबस्टर ‘खुदा गवाह’ से जुड़ी हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई है, जिसमें अजय देवगन को अंतिम क्षणों में फिल्म से बाहर कर दिया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार यह फैसला नागार्जुन की वजह से नहीं, बल्कि श्रीदेवी की सख्त शर्त पर लिया गया. संजय दत्त, जैकी श्रॉफ और चंकी पांडे का रोल बदलने का सिलसिला भी इस ड्रामा का हिस्सा था. जानें कैसे स्टारकास्ट के तूफानी बदलाओं ने बनाई इस फिल्म की किस्मत.
बॉलीवुड की चमचमाती दुनिया के पीछे छिपी कहानियां अक्सर किसी फिल्म से ज्यादा ड्रामेटिक होती हैं—और 1992 की सुपरहिट ‘खुदा गवाह’ इसका सबसे बड़ा सबूत है। आज अजय देवगन इंडस्ट्री के मेगास्टार हैं, डायरेक्टर उनकी डेट पाने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन करियर की शुरुआत में उन्हें कड़वी हकीकत का सामना करना पड़ा था।
उस दौर में एक ऐसा पल आया जब अजय को एक बड़ी फिल्म में हाथ लगा था, लेकिन अचानक किस्मत ने ऐसा पलटा मारा कि रोल उनके हाथ से फिसल गया—और वजह कोई मामूली नहीं थी। फिल्म ‘खुदा गवाह’ में इंस्पेक्टर राजा मिर्जा का किरदार पहले संजय दत्त को दिया गया था। 70 दिनों की शूटिंग के बाद संजय ने फिल्म छोड़ दी। इसके बाद रोल जैकी श्रॉफ और चंकी पांडे तक घूमता रहा। जैकी डेट्स न मिलने के कारण बाहर हुए, चंकी बात आगे बढ़ा नहीं पाए। तभी ये मौका अजय देवगन तक पहुंचा—और वे चयनित भी हो चुके थे।
लेकिन असली तूफान तब आया जब अचानक उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया गया। वजह थी फिल्म की हीरोइन, दिग्गज सुपरस्टार श्रीदेवी। रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीदेवी नए कलाकार के साथ काम नहीं करना चाहती थीं और उन्होंने साफ कह दिया—या तो उनका पसंदीदा विकल्प अक्किनेनी नागार्जुन फिल्म में होंगे, या फिर वह खुद काम नहीं करेंगी। उनकी बात सुनकर अमिताभ बच्चन तक अवाक रह गए, लेकिन डायरेक्टर को मजबूरन फैसला बदलना पड़ा।
श्रीदेवी, अमिताभ बच्चन और नागार्जुन की तिकड़ी वाली ‘खुदा गवाह’ उस साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी, वहीं अजय देवगन इस कहानी के ऐसे किरदार बने जिनकी मेहनत और उम्मीदें सिर्फ एक शर्त की वजह से दफन हो गईं।
ये घटना आज भी बॉलीवुड के उन अनसुने किस्सों में गिनी जाती है जो बताते हैं कि इंडस्ट्री में स्टारडम सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, बल्कि सेट के पीछे भी फैसले करवाता है।