काशी में विश्व चैंपियन ऑगस्टीनो ने किया पितरों का श्राद्ध
सिंगापुर के विश्व चैंपियन मास्टर्स एथलीट ऑगस्टीनो चिन्नापान ने काशी में अपने पूर्वजों का श्राद्ध किया। उन्होंने पिशाचमोचन तीर्थ पर त्रिपिंड श्राद्ध किया, जिसमें उनकी पत्नी और बेटियां भी शामिल थीं। ऑगस्टीनो ने इस अनुभव को अद्भुत बताया। वे 400 मीटर दौड़ और 400 मीटर बाधा दौड़ में विश्व चैंपियन हैं और सिंगापुर पुलिस में कार्यरत हैं। उन्होंने नीलू मिश्रा और आनंद दुबे को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। अब वे अयोध्या जाएंगे। त्रिपिंडी श्राद्ध पितृ दोष दूर करने और दिवंगत आत्माओं को मोक्ष दिलाने के लिए किया जाता है।

वाराणसी: सिंगापुर के विश्व चैंपियन मास्टर्स एथलीट ऑगस्टीनो चिन्नापान ने हाल ही में काशी का दौरा किया।
होली के शुभ अवसर पर, ऑगस्टीनो अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने के लिए वाराणसी पहुंचे। रविवार को, उन्होंने पिशाचमोचन तीर्थ पर अपने पितरों के लिए त्रिपिंड श्राद्ध किया। इस दौरान उनकी पत्नी सुकिता सुकुमारलम और बेटियां क्रिशा और जीवेशा भी उनके साथ थीं। श्राद्ध के बाद, ऑगस्टीनो ने इस अनुभव को अद्भुत और मन को असीम शांति देने वाला बताया।
ऑगस्टीनो चिन्नापान सिंगापुर के एक प्रसिद्ध मास्टर एथलीट हैं, जो 400 मीटर दौड़ और 400 मीटर बाधा दौड़ में विश्व चैंपियन हैं। वह सिंगापुर पुलिस की स्पेशल सेल में कार्यरत हैं। ऑगस्टीनो ने अपने माता-पिता, दादा-दादी और परदादा-परदादी को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध किया।
ऑगस्टीनो ने बताया कि वे काफी समय से अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध करने के लिए काशी आने की योजना बना रहे थे। उन्होंने मास्टर एथलीट नीलू मिश्रा और उनके पति आनंद दुबे को इस कार्य में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। अब, ऑगस्टीनो का अगला गंतव्य अयोध्या है।
त्रिपिंडी श्राद्ध एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है, जो पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है। इसमें तीन पीढ़ियों के पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि इस श्राद्ध से पितृ दोष दूर होता है और दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है।