रेलवे ने झांसी में 6 घंटे में बदला 140 साल पुराना पुल
उत्तर प्रदेश के झांसी में रेलवे को बड़ी सफलता मिली है। झांसी-कानपुर खंड के पारीछा-चिरगांव अप लाइन पर स्थित 140 साल पुराने पुल को सिर्फ 6 घंटे में बदल दिया गया। इस पुल को 1885 में बनाया गया था और यह ईंट और पत्थर से बना था। रेलवे इस पुल की क्षमता को बढ़ाना चाहता था, इसलिए इसे बदलने का फैसला किया गया। अब यह पुल 25 टन तक का भार सहन कर सकता है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह पुल झांसी-कानपुर खंड के डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस पुल के बदलने से ट्रेनों का आवागमन और समय पर परिचालन बेहतर होगा।

उत्तर प्रदेश के झांसी में रेलवे को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां रेलवे के बदलते स्वरूप की झलक दिखाई दी, जहां रेल मंडल झांसी में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर और मजबूत करने के लिए अनूठा काम किया गया। झांसी-कानपुर खंड के पारीछा-चिरगांव अप लाइन पर स्थित 140 साल पुराने पुल को सिर्फ 6 घंटे में बदल दिया गया।
इस पुल को 1885 में बनाया गया था और यह ईंट और पत्थर से बना था। रेलवे इस पुल की क्षमता को बढ़ाना चाहता था, इसलिए इसे बदलने का फैसला किया गया। पुराने पुल की जगह 2.0×2.1 मीटर आकार का आरसीसी बॉक्स लगाया गया है। अब यह पुल 25 टन तक का भार सहन कर सकता है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह पुल झांसी-कानपुर खंड के डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस पुल के बदलने से ट्रेनों का आवागमन और समय पर परिचालन बेहतर होगा। रेलवे की तकनीकी टीम ने इस ब्रिज को रिप्लेस करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों में एक नया इतिहास लिख दिया। रेल अफसरों ने तकनीकी टीम को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए इसकी सराहना भी की।