नोएडा: किराए की कोठी से पोर्न धंधे का पर्दाफाश, नीदरलैंड में ट्रांसफर हुए 7 करोड़

नोएडा के सेक्टर-105 में चल रहे पोर्नोग्राफी स्टूडियो पर ईडी के छापे के बाद पुलिस जांच कर रही है। स्ट्रिपचैट के मॉडल्स के जालसाज गैंग द्वारा युवतियों को शामिल करने, ठगी करने और नीदरलैंड के बैंक अकाउंट में 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर होने के मामले की जांच चल रही है। पुलिस ने आरडब्ल्यू के पदाधिकारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया। जांच में सामने आया कि सुबदीगी वेंचर्स को उज्जवल रमण और नीलू श्रीवास्तव चलाते थे, जिन्होंने कोठी किराए पर ली थी। स्ट्रिपचैट के लिए मॉडल उपलब्ध कराने वाले गैंग युवतियों को लालच या ब्लैकमेल से फंसाते थे, जिनके वीडियो कॉल के रेट ऊंचे होते थे। नीदरलैंड के बैंक अकाउंट में 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए, लेकिन भारत में ही निकाले गए।

Mar 30, 2025 - 19:14
नोएडा: किराए की कोठी से पोर्न धंधे का पर्दाफाश, नीदरलैंड में ट्रांसफर हुए 7 करोड़
नोएडा के सेक्टर-105 में एक किराए की कोठी में चल रहे पोर्नोग्राफी स्टूडियो पर ईडी ने छापा मारा, जिसके बाद पुलिस भी जांच में जुट गई है।

जांच में सामने आया कि स्ट्रिपचैट के मॉडल्स के जरिए युवतियों को फंसाया जा रहा था, उनसे ठगी की जा रही थी, और नीदरलैंड के बैंक अकाउंट में 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में और कौन-कौन शामिल है।

पुलिस के अनुसार, सुबदीगी वेंचर्स नामक कंपनी चलाने वाले उज्जवल रमण और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव ने यह कोठी किराए पर ली थी। वे दिल्ली के रहने वाले हैं और उनका लोगों से ज्यादा मेलजोल नहीं था।

जांच में यह भी पता चला है कि स्ट्रिपचैट के लिए मॉडल उपलब्ध कराने वाले छोटे गैंग दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हैं। ये गैंग कॉलेज और एमएनसी में काम करने वाली युवतियों को लालच देकर या ब्लैकमेल करके फंसाते हैं। इन वीडियो कॉल के रेट 60 रुपये से 120 रुपये प्रति मिनट तक होते हैं।

कई बार मॉडल इन चैट के बाद दूसरे लोगों को भी ठगती हैं। हाल ही में गाजियाबाद में इस तरह के एक गैंग को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कंपनी के नेटवर्क में यह काम कहां-कहां से हो रहा था।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि नीदरलैंड के एक बैंक अकाउंट में 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। हैरानी की बात यह है कि यह पैसा भारत में ही इंटरनेशनल डेबिट कार्ड के जरिए निकाला गया। इससे जांच एजेंसियों को शक है कि सिर्फ पैसे को घुमाने के लिए इंटरनेशनल अकाउंट का इस्तेमाल किया जा रहा था।