कानन देवी: फिल्मी दुनिया की एक दुखद कहानी
कानन देवी की जीवन कहानी अभावों, तिरस्कार और अकेलेपन से भरी है। गरीबी में पली-बढ़ी कानन को समाज ने फिल्मों में काम करने के कारण स्वीकार नहीं किया। उनकी दो शादियां हुईं, लेकिन दोनों ही असफल रहीं। कानन का अंतिम समय भी दुखद रहा, क्योंकि उनके दूसरे पति ने उनकी शक्ल तक नहीं देखी और अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। कानन देवी बंगाली फिल्मों की पहली एक्ट्रेस थीं। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी काम किया। वह भारत की पहली करोड़पति एक्ट्रेस और सबसे महंगी सिंगर थीं।

कानन देवी की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। अभावों में पली-बढ़ी, समाज से तिरस्कृत और दो-दो शादियों के बावजूद अकेलेपन का शिकार हुई कानन देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा।
गरीबी और तिरस्कार
1916 में जन्मी कानन को अपने माता-पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। रिश्तेदारों के घर में नौकरानी का जीवन बिताने के बाद, उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया, लेकिन समाज ने उन्हें स्वीकार नहीं किया।
पहली शादी और तलाक
कानन ने अपने एक प्रशंसक अशोक मैत्रा से शादी की, लेकिन समाज के विरोध के कारण उनके पति ने भी उनका साथ छोड़ दिया। 1945 में उनका तलाक हो गया।
दूसरी शादी और अलगाव
1949 में कानन ने हरिदास भट्टाचार्या से दूसरी शादी की, लेकिन यह रिश्ता भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। दोनों अलग हो गए।
अंतिम समय
कानन देवी का अंतिम समय भी दुखद रहा। उनके दूसरे पति ने उनकी शक्ल तक नहीं देखी और अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए।