गाजा में कैंसर अस्पताल पर हमला: इजरायल का दावा, हमास का अड्डा था
इजरायल ने गाजा के एकमात्र कैंसर अस्पताल और पास के एक मेडिकल स्कूल को हवाई हमले में उड़ा दिया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है। इजरायल का दावा है कि इन जगहों का इस्तेमाल हमास कर रहा था, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं दिया है। तुर्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे स्वास्थ्य प्रणाली को नष्ट करने जैसा बताया है।
यह हमला इजरायल द्वारा बंधक समझौते पर प्रगति न होने के बाद गाजा में किए जा रहे बड़े पैमाने पर हमलों का हिस्सा है। इजरायल का दावा है कि हमास इस अस्पताल से अपना कमांड सेंटर चला रहा था।
तेल अवीव में हुए इस हमले की मध्य पूर्व और यूरोपीय देशों ने निंदा की है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत मेडिकल सुविधाओं पर हमला करना मना है। हालांकि, इजरायल का कहना है कि इन जगहों का इस्तेमाल हमास के कमांड सेंटर और हथियारों के डिपो के तौर पर हो रहा था।
शुक्रवार को हुए विस्फोट में गाजा के तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल को भी नुकसान पहुंचा, जो पहले से ही इजरायली हमलों से क्षतिग्रस्त था। अल जजीरा के तारिक अबू अज्जूम ने बताया कि इस वजह से हजारों कैंसर मरीज इलाज से वंचित हो गए हैं।
30 अक्टूबर, 2023 को भी इस अस्पताल पर हमला हुआ था और ईंधन की कमी के कारण इसे 1 नवंबर, 2023 को बंद करना पड़ा था, जिससे 70 मरीजों की जान खतरे में पड़ गई थी और चार की मौत हो गई थी। 2017 में तुर्की ने 34 मिलियन डॉलर की मदद से इसका पुनर्निर्माण कराया था।
इजरायल ने अस्पताल को नष्ट करने की पुष्टि की है, लेकिन हमास द्वारा इस्तेमाल किए जाने का कोई सबूत नहीं दिया है। तुर्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे गाजा को रहने लायक न बनाने और फिलिस्तीनियों को जबरन हटाने की इजरायली नीति का हिस्सा बताया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इजरायल के इस कदम को स्वास्थ्य प्रणाली को नष्ट करने और नरसंहार करने जैसा बताया है।