एमपी में पहली बार: एम्स भोपाल में रोबोटिक सर्जरी से जीवन बचाया गया
भोपाल एम्स ने मध्य भारत की पहली रोबोटिक स्पाइन सर्जरी करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल अब रीढ़ की हड्डी की शल्य चिकित्सा के लिए उन्नत तकनीक प्रदान करने वाला पहला संस्थान बन गया है। रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को कई फायदे होंगे, जैसे कि कम खून बहना और जल्दी ठीक होना। अब मध्य भारत के मरीजों को रोबोटिक स्पाइन सर्जरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि यह सुविधा एम्स भोपाल में ही उपलब्ध है। हाल ही में, डॉ. अजय सिंह के नेतृत्व में दो सफल स्पाइन सर्जरी की गईं।

यह संस्थान मध्य भारत का पहला ऐसा संस्थान बन गया है जो रीढ़ की हड्डी की शल्य चिकित्सा के लिए उन्नत तकनीक प्रदान करता है। रोबोटिक सर्जरी से शल्य चिकित्सा की सटीकता बढ़ती है, खून का बहना कम होता है, मानवीय गलतियाँ कम होती हैं, और मरीज जल्दी ठीक होते हैं।
एम्स भोपाल मध्य भारत का पहला सेंटर है जहाँ ऑर्थोपेडिक विभाग में रोबोटिक स्पाइन सर्जरी की सुविधा है। थ्री डी इमेजिंग और रोबोटिक सिस्टम से रीयल टाइम इमेजिंग मिलती है, जिससे सर्जरी में सटीकता और सुरक्षा बढ़ती है। इससे सर्जन बेहतर निर्णय ले पाते हैं और जटिलताओं का खतरा कम होता है।
स्पाइन सर्जरी में रोबोट का इस्तेमाल सुरक्षित पेडिकल स्क्रू फिक्सेशन के लिए किया जाता है। अब भोपाल एम्स में यह सुविधा होने से जटिल स्पाइन सर्जरी आसानी से हो सकेगी, और मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। डॉ. अजय सिंह के नेतृत्व में डॉ. वी. के. वर्मा और डॉ. पंकज मिश्रा ने रोबोट से दो स्पाइन सर्जरी की, जो सफल रहीं।