पत्नी को संपत्ति मानना गलत: दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने व्यभिचार के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी को पति की संपत्ति मानना गलत है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने महाभारत में द्रौपदी के जुए में हारने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए आरोपी को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक महिला को पति की संपत्ति समझना महाभारत काल से चली आ रही पुरुषवादी सोच है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया जिसमें व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था। हाई कोर्ट ने शिकायत को रद्द करते हुए कहा कि व्यभिचार अब अपराध नहीं है।

Apr 19, 2025 - 16:43
पत्नी को संपत्ति मानना गलत: दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने व्यभिचार के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी को पति की संपत्ति मानना गलत है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने महाभारत में द्रौपदी के जुए में हारने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए आरोपी को बरी कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि एक महिला को पति की संपत्ति समझना महाभारत काल से चली आ रही पुरुषवादी सोच है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया जिसमें व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था।

जस्टिस कृष्णा ने कहा कि द्रौपदी को जुए में दांव पर लगाना और उसके बाद महाभारत का युद्ध होना, औरत को संपत्ति मानने के भयानक नतीजों को दर्शाता है।

इस मामले में, पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी का किसी और आदमी के साथ अफेयर है। हाई कोर्ट ने इस शिकायत को रद्द करते हुए कहा कि व्यभिचार अब अपराध नहीं है और पति-पत्नी के बीच धोखा एक निजी मामला है।

कोर्ट ने औरतों पर मालिकाना हक जताने की पुरानी सोच की आलोचना करते हुए आरोपी को बरी कर दिया।