फौजी पिता की पेंशन से बदली नेत्रहीन की जिंदगी

बिहार के नेत्रहीन कमलेश कुमार चौबे की जिंदगी 11 साल बाद बदल गई है। फौजी पिता के निधन के बाद उन्हें परिवार से अलग होना पड़ा और भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा। अब उन्हें पिता की पेंशन और 15 लाख रुपये का एरियर मिला है, जिससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। कमलेश ने पेंशन मिलने पर अधिकारियों का आभार जताया और बताया कि कैसे उन्हें कागजात जुटाने में मुश्किल हुई। रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय के मनोज सिंह ने उनकी मदद की।

Mar 29, 2025 - 12:48
फौजी पिता की पेंशन से बदली नेत्रहीन की जिंदगी

प्रयागराज: बिहार के रहने वाले नेत्रहीन कमलेश कुमार चौबे की जिंदगी में 11 साल बाद बड़ा बदलाव आया। उनके फौजी पिता का निधन 2014 में हो गया था, जिसके बाद उन्हें परिवार से अलग होना पड़ा। पत्नी और बच्चों के साथ भीख मांगने को मजबूर हुए कमलेश को अब पिता की पेंशन और 15 लाख रुपये का एरियर मिला है, जिससे उनकी जिंदगी बदल गई।

पैसे मिलते ही कमलेश फूट-फूटकर रोने लगे। पिता की पेंशन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति सुधर गई है और बच्चों का अच्छे स्कूल में एडमिशन भी हो गया है। बक्सर, बिहार के हेठुआ गांव के रहने वाले कमलेश ने प्रयागराज में पीसीडीए पेंशन कार्यालय के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि पिता के निधन के बाद आत्महत्या का विचार आया था, लेकिन परिवार के कारण ऐसा नहीं किया।

कमलेश के अनुसार, उनके पिता 1990 में सेना में भर्ती हुए थे और 2000 में नायक के पद से रिटायर हुए। 2014 में पिता और फिर मां का निधन होने के बाद सबने उनका साथ छोड़ दिया। भाई ने भी साथ नहीं दिया, जिसके कारण उन्हें भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा।

एक दिन ट्रेन में उनकी मुलाकात रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय, वेलफेयर के मनोज सिंह से हुई, जिन्होंने उनकी पेंशन की प्रक्रिया शुरू कराई। कमलेश को कागजात जुटाने में काफी मुश्किल हुई, लेकिन आखिरकार उन्हें पेंशन मिल गई।