बिहार की 'ड्रोन दीदी': घर और खेतों के सपने, एक साथ उड़ान!
सीतामढ़ी की सीमा देवी 'ड्रोन दीदी' के नाम से मशहूर हैं, जिन्होंने मेहनत से सफलता पाई। ग्रामीण आजीविका मिशन से ड्रोन की ट्रेनिंग लेकर फसलों पर कीटनाशक छिड़काव करती हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने परिवार को संभाला और कृषि उद्यमी बनीं। 2024 में 'ड्रोन दीदी' बनने का मौका मिला, जिससे अच्छी आय हो रही है और लोगों को फसलों पर छिड़काव का नया तरीका मिला। वह एक एकड़ खेत में छिड़काव के लिए 300 से 400 रूपए लेती है।

सीमा देवी ने विपरीत परिस्थितियों में अपने परिवार को संभाला और अपने सपनों को पूरा किया। वह रुन्नीसैदपुर प्रखंड के धनुषी गांव की रहने वाली हैं। 2008 में शादी के बाद, उनके पति का वसुधा केंद्र बंद हो गया, जिससे आर्थिक संकट आ गया। इसके बाद, सीमा जीविका से जुड़ीं और 2023 में कृषि उद्यमी बनने का अवसर मिला। उन्होंने खाद-बीज की दुकान शुरू की, क्योंकि उनकी कृषि में रुचि थी।
जनवरी 2024 में, उन्हें ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 'ड्रोन दीदी' बनने का मौका मिला। इफ्को ने उन्हें ड्रोन की ट्रेनिंग के लिए चुना और बाद में ड्रोन, ड्रोन वाहन और कीटनाशक दवाएं उपलब्ध कराईं। सीमा ने पहली बार गांव में ड्रोन उड़ाया, तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि इससे फसलों पर छिड़काव भी किया जा सकता है। अब उन्हें लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं और अच्छी कमाई हो रही है। वह बताती हैं कि एक एकड़ खेत में छिड़काव के लिए 300 से 400 रुपये लेती हैं।