जयंत चौधरी पर विश्‍वासघात का आरोप लगाकर पश्चिमी यूपी को साधने चले अखिलेश

Apr 18, 2024 - 12:23
Apr 18, 2024 - 12:26
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जयंत चौधरी पर विश्‍वासघात का आरोप लगाकर पश्चिमी यूपी को साधने चले अखिलेश

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के सुर भी बदल गए हैं। कल तक जो नेता एक दूसरे के कंधे से कंधा मिलाकर मोदी सरकार को रोकने के लिए खाका तैयार कर रहे थे आज वह एक दूसरे पर जुबानी हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। पहले सपा का साथ छोड़कर बीजेपी में आए सुभासपा मुखिया ओपी राजभर ने अखिलेश यादव पर हमला बोला। अब अखिलेश के दोस्त जयंत चौधरी ने भी गठबंधन तोड़ने की मजबूरी बताकर सपा मुखिया पर निशाना साधा है। अब जयंत चौधरी के एक बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार कर दिया है। अखिलेश ने जयंत का नाम लिए बगैर कहा कि हमें दो राज्यसभा सीट का नुकसान हुआ है। हमने चौ. चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। अगर दबाया होता तो माइनस में सीट होती, 9 सीट नहीं जीत पाते।

बुधवार को मुरादाबाद में सपा उम्मीदवार के समर्थन में पहुंचे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आरएलडी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी को आड़े हाथों ले लिया है। अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी का बिना नाम लिए कहा कि हम किसी को दबाते नहीं है, बल्कि आगे बढाते हैं।अगर दबाया होता तो माइनस में सीट होती। अखिलेश ने आगे कहा कि अगर दबाया होता तो जीरो से माइनस 1 होती या माइनस 2, three होती। लेकिन हमने उन्हें आगे बढ़ाया है। चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाया है। परिणाम ये हुआ कि वे eight-9 सीटें जीत गए।

इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि जयंत चौधरी को राज्यसभा की सीट भी दे दिया। एक राज्यसभा सीट 37 विधायकों के समर्थन से चुना जाता है। हमने तो एक राज्यसभा सीट दे दी और एक खो दी। उनकी वजह से हमे दो सीट का नुकसान हुआ है। विश्वासघात हुआ कि नहीं इसका आप आंकलन करिए। वहीं अखिलेश ने इशारों-इशारों में ये भी कहा कि पश्चिम से हवा चलने की बात करने वाले लोगों ने इस बार अपना रुख बदल लिया है। इस बार पश्चिम की जनता ने भाजपा का सूपड़ा साफ करने का मन बना लिया है।

राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी सपा के समर्थन से राज्यसभा के सांसद बने हैं। बीते दिनों मुरादाबाद पहुंचे आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव पर हमला बोला था जयंत अखिलेश का बिना नाम लिए कहा कि मैं उनकी राजनीति और कार्यशैली से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। हमें वह (अखिलेश यादव) दबाना चाह रहे थे, इसलिए हमने मजबूरी में गठबंधन तोड़ा है। हमलोग अब अच्छी जगह हैं। हालांकि जयंत ने अखिलेश से पारिवारिक संबंधों को लेकर कहा कि हम एक-दूसरे की इज्जत भी करते हैं। मेरी नजर में पहले की तरह ही संबंध रहेंगे।

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