नोएडा WTC प्रोजेक्ट: बायर्स का सपना अधूरा, ED की छापेमारी
नोएडा के डब्ल्यूटीसी प्रोजेक्ट में हजारों बायर्स के सपने अधूरे रह गए हैं। बायर्स का आरोप है कि आशीष भल्ला ने 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की है। ईडी ने हाल ही में भल्ला और भूटानी ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की है और 3500 करोड़ के अवैध दस्तावेज बरामद किए हैं। बायर्स ने सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वे रेरा और अन्य अदालतों में भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। अब भूटानी ग्रुप पर भी घोटाले का आरोप है।
सोमवार को नोएडा में एक प्रेस वार्ता के दौरान, बायर्स ने बताया कि डब्ल्यूटीसी नोएडा के डायरेक्टर आशीष भल्ला ने करीब 5 हजार करोड़ रुपए और 20 हजार से ज्यादा खरीदारों और निवेशकों को धोखा दिया है। उन्होंने अलग-अलग प्रोजेक्ट्स जैसे टेक-1 और 2, 1डी, 1ई, सिग्नेचर टेक जोन, प्लाजा, क्वॉड, क्यूबिक और रिवरसाइड रेजिडेंसी में निवेश करने वालों को भी उनका हक नहीं मिला है।
बायर्स ने आरोप लगाया कि आशीष भल्ला आदतन अपराधी हैं और उन्होंने 2010 से ही धोखाधड़ी शुरू कर दी थी। उन्होंने डब्ल्यूटीसी एसोसिएशन यूएसए से फ्रेंचाइजी लेकर प्रॉपर्टी एजेंटों के माध्यम से प्रोजेक्ट बेचे और खरीदारों से भारी प्रीमियम लिया।
बायर्स ने यह भी आरोप लगाया कि अब भूटानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट में शेयर खरीदकर एक और घोटाला करने की तैयारी कर ली है। वे डब्ल्यूटीसी नोएडा को भूटानी अल्फातम प्रोजेक्ट में बदलने और बाजार दर से ज्यादा कीमत वसूलने की योजना बना रहे हैं।
हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय ने डब्ल्यूटीसी नोएडा और आशीष भल्ला-भूटानी ग्रुप के 12 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 3500 करोड़ रुपए के अवैध दस्तावेज बरामद हुए। ईडी ने आशीष भल्ला को 7 दिन की रिमांड पर लिया है। बायर्स ने सरकार से इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की अपील की है।
बायर्स ने रेरा, उपभोक्ता अदालत, हाईकोर्ट और एनसीएलटी सहित कई जगहों पर शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट में भूटनी ग्रुप द्वारा शेयर खरीद कर एक और बड़ा फ्राड को अंजाम देने की भूमिका तैयार की जा रहीं हैं।