अमेरिकी छात्रों को वीजा रद्द करने का ईमेल, ट्रंप सरकार का सेल्फ-डिपोर्ट का आदेश
अमेरिका में, सैकड़ों विदेशी छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग से एक चौंकाने वाला ईमेल मिला, जिसमें उनके एफ-1 वीजा को रद्द करने और उन्हें स्वदेश लौटने का आदेश दिया गया। यह कार्रवाई उन छात्रों पर की जा रही है जो कॉलेज गतिविधियों में सक्रिय थे और सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट साझा करते थे। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 'कैच एंड रिवोक' नामक एक एआई ऐप लॉन्च किया है, जो छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखता है और उन छात्रों के वीजा रद्द कर देता है जिन पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का संदेह है।
यह कार्रवाई उन छात्रों पर केंद्रित है जो कॉलेज गतिविधियों में सक्रिय थे और जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियों को राष्ट्र विरोधी माना गया।
न केवल वे छात्र निशाने पर थे जिन्होंने विरोध प्रदर्शनों में सीधे भाग लिया, बल्कि वे भी जो सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट साझा करते थे, पसंद करते थे या टिप्पणी करते थे।
एफ-1 वीजा क्या है?
एफ-1 वीजा एक गैर-आव्रजन वीजा है जो विदेशी छात्रों को अमेरिका में अध्ययन करने की अनुमति देता है। इस वीजा के लिए, छात्रों को एक मान्यता प्राप्त संस्थान में पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में दाखिला लेना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास अपनी शिक्षा और रहने के खर्चों को कवर करने के लिए पर्याप्त धन है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका को यह तय करने का अधिकार है कि किसे देश में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने "कैच एंड रिवोक" नामक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ऐप लॉन्च किया है जो छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखता है और उन छात्रों के वीजा रद्द कर देता है जिन पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का संदेह है।
विभाग ने छात्रों को सूचित किया कि उनके एफ-1 वीजा को अमेरिकी आव्रजन और राष्ट्रीयता कानून की धारा 221(i) के तहत रद्द कर दिया गया है। ईमेल में चेतावनी दी गई है कि यदि छात्र बिना वैध वीजा के अमेरिका में रहते हैं तो उन्हें जुर्माना, कारावास या निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है। छात्रों को यह भी चेतावनी दी गई है कि वे अपने रद्द किए गए वीजा का उपयोग न करें और अपने पासपोर्ट को अमेरिकी दूतावास में जमा करें।