जामताड़ा की अनपढ़ महिलाओं ने सूरजमुखी की खेती से रचा इतिहास

झारखंड के जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड के ताकुंडी गांव की कुछ महिलाओं ने सूरजमुखी की खेती कर कमाल कर दिखाया है। बैंक से लोन लेकर और मेहनत से काम करके उन्होंने साबित कर दिया कि कुछ भी मुमकिन है। इन महिलाओं में से ज्यादातर पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। JSLPS की मदद से बीज लेकर उन्होंने 3 एकड़ जमीन पर सूरजमुखी के फूल लगाए। सिंचाई की दिक्कत आने पर उन्होंने खुद कुआं ठीक करके पानी का इंतजाम किया, जिससे अच्छी फसल हुई और वे दूसरों के लिए प्रेरणा बन गईं।

Mar 25, 2025 - 17:53
जामताड़ा की अनपढ़ महिलाओं ने सूरजमुखी की खेती से रचा इतिहास
जामताड़ा: झारखंड के जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड के ताकुंडी गांव की कुछ महिलाओं ने कमाल कर दिखाया है। इन महिलाओं ने मिलकर सूरजमुखी की खेती की है।

उन्होंने बैंक से लोन लिया और मेहनत से काम करके दिखाया कि कुछ भी मुमकिन है। इन महिलाओं में से ज्यादातर पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। उन्होंने JSLPS की मदद से बीज लेकर 3 एकड़ जमीन पर सूरजमुखी के फूल लगाए।

जब सिंचाई की दिक्कत आई, तो उन्होंने खुद कुआं ठीक करके पानी का इंतजाम किया। उनकी इस मेहनत से अच्छी फसल हुई है और वे दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। ताकुंडी गांव की इन महिलाओं ने साबित कर दिया है कि अगर इंसान में लगन हो तो वह कुछ भी कर सकता है।

इन महिलाओं में से अधिकतर 32 से 40 साल की हैं। अनीता हेंब्रम नाम की एक महिला दसवीं तक पढ़ी है, जो कि उनमें सबसे अधिक पढ़ी-लिखी है। चार महिलाएं ऐसी हैं जो बिल्कुल भी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। कुछ महिलाएं सिर्फ अपना नाम लिख पाती हैं।