एकता कपूर का तंज: अनुराग कश्यप और हंसल मेहता पर निशाना!

एकता कपूर ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर हंसल मेहता और अनुराग कश्यप पर तंज कसते हुए कहा कि कंटेंट एक कला है, व्यवसाय नहीं। उन्होंने 'एडोलसेंस' की प्रशंसा करने वाले फिल्म निर्माताओं को आड़े हाथों लिया और दर्शकों को भी फटकार लगाई। एकता ने भारतीय कंटेंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' और 'द बकिंघम मर्डर्स' जैसी फिल्मों के उदाहरण दिए, जो समीक्षकों द्वारा सराहे जाने के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। उन्होंने फिल्म निर्माताओं से अपना पैसा लगाने और सिस्टम से लड़ने का आग्रह किया। एकता ने कहा कि देश का एक बड़ा हिस्सा अभी भी कंटेंट के मामले में विकसित हो रहा है।

Mar 22, 2025 - 17:12
एकता कपूर का तंज: अनुराग कश्यप और हंसल मेहता पर निशाना!
एकता कपूर ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ पोस्ट शेयर किए, जिनमें उन्होंने हंसल मेहता और अनुराग कश्यप पर तंज कसा। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन दर्शकों को भी फटकार लगाई। एकता का कहना है कि कंटेंट एक कला है, व्यवसाय नहीं, इसलिए फिल्म निर्माताओं को अपना पैसा लगाना चाहिए।

दरअसल, ब्रिटिश वेब सीरीज 'एडोलसेंस' की चर्चा हो रही है, जिसे हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया है। हंसल मेहता और अनुराग कश्यप ने इस सीरीज की प्रशंसा की थी। हंसल मेहता ने जहां बॉलीवुड के रीसेट की बात की, वहीं अनुराग कश्यप ने 'एडोलसेंस' के बहाने नेटफ्लिक्स पर गुस्सा निकाला। उन्होंने नेटफ्लिक्स द्वारा कंटेंट को मंजूरी देने की प्रक्रिया की आलोचना की। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 'एडोलसेंस' को भारत में प्रस्तुत किया जाता, तो वे इसे या तो अस्वीकार कर देते या फिर 90 मिनट की फिल्म में बदल देते।

एकता कपूर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक लंबा पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने फिल्म निर्माताओं पर तंज कसने के साथ-साथ दर्शकों को भी फटकार लगाई। उन्होंने पैसे से ज्यादा कला को महत्व देने की बात कही। एकता ने कहा कि भारत में गुणवत्तापूर्ण कंटेंट क्यों संघर्ष करता है। उन्होंने 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' और 'द बकिंघम मर्डर्स' जैसी फिल्मों का उदाहरण दिया, जिन्हें समीक्षकों ने सराहा, लेकिन वे बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रहीं। उन्होंने सवाल किया कि समस्या फिल्म निर्माताओं के साथ है या दर्शकों के साथ? एकता ने रचनाकारों से अपना पैसा खुद लगाने का आग्रह किया।

एकता ने आगे लिखा कि जब भारतीय रचनाकार इस बात पर रोते हैं कि उनके कंटेंट में दम नहीं है और वह अंतर्राष्ट्रीय टीवी सीरीज और फिल्मों की टक्कर का नहीं है, तो उन्हें बुरा लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि 'सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव' और हंसल मेहता की फिल्म 'द बकिंघम पैलेस' दर्शकों की वजह से नहीं चलीं। एकता ने क्रिएटर्स से सिस्टम से लड़ने और कला को सपोर्ट करने का आग्रह किया।