तारक मेहता की दया बेन: डिलीवरी में गायत्री मंत्र का जाप

तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम दिशा वकानी ने बताया कि उन्हें डिलीवरी के दौरान चीखने से बचने की सलाह दी गई थी, क्योंकि इससे बच्चे को डर लग सकता है। इसलिए उन्होंने गायत्री मंत्र का जाप किया। विशेषज्ञों के अनुसार, चीखने से महिला का रक्तचाप बढ़ सकता है और ऑक्सीजन का स्तर गिर सकता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक है। प्रसव के दौरान दर्द कम करने के लिए शांत रहना, मानसिक तकनीकों का उपयोग करना और गायत्री मंत्र का जाप करना फायदेमंद हो सकता है।

Mar 12, 2025 - 11:21
तारक मेहता की दया बेन: डिलीवरी में गायत्री मंत्र का जाप
तारक मेहता की दया बेन ने डिलीवरी के दौरान गायत्री मंत्र का जाप किया

तारक मेहता का उल्टा चश्मा की मशहूर अदाकारा दिशा वकानी, जो दया बेन के नाम से भी जानी जाती हैं, ने अपनी गर्भावस्था के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि उन्हें सलाह दी गई थी कि प्रसव के दौरान चीखने से बच्चे को डर लग सकता है, इसलिए उन्होंने गायत्री मंत्र का जाप किया।

डिलीवरी के दौरान चीखने के नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रसव के दौरान चीखने से महिला का रक्तचाप बढ़ सकता है, जो हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है। इससे गर्दन, जबड़े और कंधों की मांसपेशियों में भी अकड़न हो सकती है। तेज आवाज से सांस फूलने और ऑक्सीजन का स्तर गिरने का खतरा भी होता है, जिससे मां और बच्चे दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

दर्द से राहत के लिए सांस लेने की तकनीक

कुछ महिलाओं को चीखने से दर्द में राहत मिलती है, जबकि अन्य को तनाव महसूस होता है। इसलिए, प्रसव के दौरान दर्द को प्रबंधित करने के लिए सांस लेने की सही तकनीक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

शिशु पर प्रभाव

मां के चीखने या तनाव लेने से एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन निकलते हैं, जो शिशु को तनावग्रस्त कर सकते हैं। यदि चीखने से मां को सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह बच्चे के लिए भी हानिकारक हो सकता है।

दर्द कम करने के उपाय

प्रसव के दौरान दर्द कम करने के लिए शांत रहना, मानसिक तकनीकों का उपयोग करना, एक्यूप्रेशर, अरोमा थेरेपी, संगीत और मालिश जैसे तरीकों को अपनाना फायदेमंद हो सकता है। गायत्री मंत्र का जाप भी लाभकारी माना जाता है।