मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना: 10 माह में महिलाओं ने रचा ₹318.98 लाख का सफलता का इतिहास!
उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू की गई 'मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना' ने अपने पहले 10 महीनों में ₹318.98 लाख का कारोबार कर एक मील का पत्थर हासिल किया है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार में बेहतर पहुंच दिलाना है।

उत्तराखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू की गई 'मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना' ने अपने पहले 10 महीनों में ₹318.98 लाख का कारोबार कर एक मील का पत्थर हासिल किया है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार में बेहतर पहुंच दिलाना है।
इस योजना के तहत प्रदेश के 95 ब्लॉकों में महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री की जा रही है। राज्य के करीब 37,000 से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। पिछले वर्ष रक्षाबंधन के अवसर पर, 24 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना का शुभारंभ किया था। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिससे महिलाओं के उत्पादों को व्यापक बाजार मिल सके।
स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर (मार्केटिंग) रोहित सिंह के अनुसार, अगस्त 2023 से जून 2024 के बीच प्रदेश के 95 ब्लॉकों में कुल 1,428 स्टॉलों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों ने ₹318.98 लाख का कारोबार किया है।
इस वर्ष भी विभाग ने प्रत्येक महीने के 25 से 30 तारीख के बीच ब्लॉक स्तर पर स्टॉल लगाने और प्रदेश में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों में स्टॉल के माध्यम से महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन की योजना बनाई है। इस वर्ष की शुरुआत देहरादून स्थित सचिवालय में स्टॉल लगाकर की गई है, और जल्द ही अन्य ब्लॉकों में भी स्टॉल लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, "महिला सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है। हम महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिंग तक की पूरी व्यवस्था कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिकी में बड़ा सुधार आया है और वे आत्मनिर्भर बनकर सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रगति कर रही हैं।