बिहार चुनाव: तेजस्वी का YNR vs नीतीश का 'D', किसका पलड़ा भारी?

बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। तेजस्वी ने नीतीश को थका हुआ और अनुपयुक्त बताया है, जबकि लालू और राबड़ी ने नीतीश के प्रति नरम रुख दिखाया है। तेजस्वी 'YNR' को अपना हथियार बना रहे हैं, जिसका अर्थ है युवा, नौकरी और रोजगार। उनका मानना है कि नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से बोझ बन चुके हैं, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों के सुर अलग हैं। तेजस्वी 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित हैं और युवाओं का समर्थन प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

Mar 17, 2025 - 16:58
बिहार चुनाव: तेजस्वी का YNR vs नीतीश का 'D', किसका पलड़ा भारी?
पटना: बिहार की राजनीति में राजद नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच वाकयुद्ध जारी है। तेजस्वी यादव ने 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और उन्हें थका हुआ बताते हुए बिहार के भविष्य के लिए अनुपयुक्त बताया है।

इस राजनीतिक खींचतान के बीच, राजद के संस्थापक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार के प्रति नरम रुख दिखाया है। तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार के 'विकास' के जवाब में 'YNR' (युवा, नौकरी, रोजगार) को अपना हथियार बना रहे हैं।

तेजस्वी यादव का मानना है कि नीतीश कुमार अब राजनीतिक रूप से बोझ बन चुके हैं और उनकी विचारधारा पुरानी हो चुकी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार सो रही है।

हालांकि, तेजस्वी के परिवार के सदस्यों के सुर अलग हैं। लालू प्रसाद यादव ने होली पर एक पोस्ट में नई शुरुआत का संकेत दिया, और राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था।

पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती ने भी संभावना जताई कि नीतीश कुमार महागठबंधन में वापस आ सकते हैं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश भाजपा के दबाव में हैं, लेकिन अगर वे सांप्रदायिक ताकतों को छोड़ देते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।

तेजस्वी यादव 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि युवा मतदाता उनका समर्थन करेंगे। वे नीतीश कुमार को थका हुआ बताकर पिछड़ों की राजनीति को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी का YNR युवाओं, नौकरियों और रोजगार पर केंद्रित है। उन्होंने महागठबंधन सरकार के दौरान चार लाख नौकरियां देने की पहल की थी और नीतीश कुमार के खिलाफ पढ़ाई, कमाई और दवाई का नारा दिया था।