एंडोमेट्रियोसिस: रितिका की दर्दनाक कहानी, गलत निदान और सही इलाज की खोज
रितिका गुप्ता की कहानी एंडोमेट्रियोसिस नामक बीमारी के गलत निदान और सही इलाज की खोज के बारे में है। CA-125 टेस्ट में कैंसर का खतरा दिखने के बाद, रितिका को दर्दनाक सर्जरी से गुजरना पड़ा, लेकिन बाद में मायफ्लावर वुमन हॉस्पिटल में सही निदान और इलाज मिला। यह कहानी एंडोमेट्रियोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सही इलाज के महत्व पर जोर देती है। सही जानकारी और मेडिकल काउंसलिंग से मरीजों को अनावश्यक दर्द और डर से बचाया जा सकता है।

यह कहानी रितिका के लक्षणों को महसूस करने से शुरू होती है, जो पहले तो हल्के थे, लेकिन बाद में असहनीय दर्द में बदल गए। डॉक्टरों ने CA-125 टेस्ट कराने की सलाह दी, जिसमें कैंसर का खतरा दिखा। इस खबर से परिवार डर गया और वे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली चले गए।
दिल्ली में, रितिका को एक दर्दनाक सर्जरी से गुजरना पड़ा, लेकिन टेस्ट रिपोर्ट में कैंसर नहीं निकला। डॉक्टर उसकी असली बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाए। बाद में, मायफ्लावर वुमन हॉस्पिटल में, रितिका को सही निदान और इलाज मिला। डॉक्टरों ने उसे एंडोमेट्रियोसिस के बारे में समझाया और उसे मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी दिया।
रितिका की कहानी एंडोमेट्रियोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सही इलाज के महत्व पर जोर देती है। यह कहानी बताती है कि सही जानकारी और मेडिकल काउंसलिंग से मरीजों को अनावश्यक दर्द और डर से बचाया जा सकता है।