नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव पर फिर बढ़त, बिहार की राजनीति में साबित की श्रेष्ठता

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार ने फिर से अपनी राजनीतिक कुशलता का परिचय दिया है। उन्होंने वक्फ बिल पर जेडीयू के समर्थन के माध्यम से विपक्ष को चौंका दिया। तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेताओं की आलोचना के बावजूद, नीतीश कुमार ने अपनी रणनीति से विरोधियों को मात दी है। जेडीयू के मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के फैसले का समर्थन किया और नीतीश कुमार को मुसलमानों का हितैषी बताया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या तेजस्वी यादव आगामी चुनावों में नीतीश कुमार को चुनौती दे पाते हैं।

Apr 18, 2025 - 15:40
नीतीश कुमार की तेजस्वी यादव पर फिर बढ़त, बिहार की राजनीति में साबित की श्रेष्ठता
बिहार की राजनीति में, नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी चालों को समझना तेजस्वी यादव के लिए आसान नहीं है।

वक्फ बिल पर जेडीयू का समर्थन: जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, पार्टी ने इस मुद्दे पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने पांच आपत्तियां दर्ज कराई थीं, जिन्हें बाद में बिल में शामिल कर लिया गया।

नीतीश कुमार की रणनीति: नीतीश कुमार ने महादलितों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करके और महिला संवाद का शुभारंभ करके तेजस्वी यादव की गति को रोकने का प्रयास किया है।

विपक्ष की आलोचना: तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे विपक्षी नेताओं ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि नीतीश कुमार राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं।

मुस्लिम नेताओं का समर्थन: वक्फ मुद्दे पर नीतीश कुमार की चुप्पी के बाद, जेडीयू के कुछ मुस्लिम नेताओं ने पार्टी का बचाव किया और स्पष्ट किया कि जेडीयू ने बिल का समर्थन क्यों किया। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार हमेशा मुसलमानों के हितैषी रहे हैं।

नीतीश कुमार की चुप्पी और कार्रवाई: नीतीश कुमार संवेदनशील मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, लेकिन वे कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने वक्फ मुद्दे पर बड़ी चतुराई से काम लिया और भाजपा के साथ संबंधों को बनाए रखते हुए अपनी आपत्तियां भी मनवा लीं।

तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया: तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर सरकार बनने पर कानून को रद्द करने की बात कही है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे नीतीश कुमार को मात दे पाते हैं।