एमपी शराब घोटाला: EOW की छापेमारी, ठेकेदार और अधिकारी घेरे में

मध्य प्रदेश में शराब ठेके में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें EOW ने अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की है। यह घोटाला रीवा, सतना, सिंगरौली और उमरिया जिलों में हुआ, जहाँ फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर शराब ठेके दिए गए, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ। जांच में पता चला कि आबकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और बैंक अधिकारियों ने मिलकर गड़बड़ी की। इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

Mar 29, 2025 - 13:04
एमपी शराब घोटाला: EOW की छापेमारी, ठेकेदार और अधिकारी घेरे में
मध्य प्रदेश में शराब ठेके में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की है। इस मामले में एक बैंक अधिकारी भी शामिल है। घोटाला रीवा, सतना, सिंगरौली और उमरिया जिलों में हुआ। EOW ने पाया कि फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर शराब ठेके दिए गए, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।

जांच में पता चला कि आबकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा ने मिलकर गड़बड़ी की। एडवोकेट बी. के. माला की शिकायत पर EOW ने जांच शुरू की और पाया कि नियमों का उल्लंघन हुआ है।

सिंगरौली जिले के मोरबा जिला सहकारी बैंक शाखा के तत्कालीन प्रभारी मैनेजर नागेन्द्र सिंह ने 15 करोड़ से अधिक की 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी की थी, जिनमें से 9 शराब ठेकेदारों को दी गईं। इन गारंटी का उपयोग रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिलों में शराब ठेकों के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किया गया था।

इस मामले में नागेन्द्र सिंह, अनिल जैन और कई ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।