मोटर दुर्घटना क्लेम में फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट सख्त, DGP को SIT जांच के आदेश

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावों में धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए डीजीपी को एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने यह निर्देश श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी की अपील पर दिया, जिसमें छिंदवाड़ा के राकेश वल्तिया को दिए गए मुआवजे को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने एसआईटी को दावेदारों, पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों की मिलीभगत की जांच करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों और वकील मनोज शिवहरे के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं।

Mar 22, 2025 - 20:18
मोटर दुर्घटना क्लेम में फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट सख्त, DGP को SIT जांच के आदेश
जबलपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावों में धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करके जांच करने के आदेश दिए हैं।

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के फर्जीवाड़े न्यायिक प्रणाली की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह मामला श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी की एक अपील पर सामने आया, जिसमें छिंदवाड़ा के राकेश वल्तिया को दिए गए मुआवजे को चुनौती दी गई थी।

कोर्ट ने एसआईटी को यह जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या दावेदार, पुलिस अधिकारी और डॉक्टर आपस में मिले हुए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कभी-कभी वकील भी दावेदारों को गलत काम करने के लिए उकसाते हैं।

कंपनी ने आरोप लगाया था कि वल्तिया ने मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज और विकलांगता प्रमाण पत्र पेश किए थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वल्तिया ने खुद माना कि वह कभी भी विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ था।

कोर्ट ने विक्टोरिया अस्पताल के डॉ. शरद द्विवेदी और सुविधा अस्पताल के डॉ. बालकृष्ण डांग के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं, जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र और इलाज के दस्तावेज तैयार किए थे। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने वकील मनोज शिवहरे और मॉ फार्मेसी के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं।