लूट कांड: भाई-बहन की डकैती का अनोखा कारनामा
रुचिर अरुण की 'लूट कांड' वेब सीरीज 1995 की पुरुलिया हथियार घटना को आज के समय से जोड़ती है। कर्ज में डूबे लतिका और पलाश एक बैंक लूटते हैं, पर दूसरे डकैतों और भ्रष्ट पुलिस अफसर के जाल में फंस जाते हैं। उन्हें पता चलता है कि उनके पिता भी गायब हथियारों को छिपाने में लापता हुए थे, जो उनके घर में ही दफ्न हैं। धर और बर्मन दोनों लूटे गए पैसे और हथियारों के पीछे हैं। तान्या मानिकतला और साहिल मेहता ने भाई-बहन के रूप में शानदार अभिनय किया है, जो थ्रिलर पसंद करने वालों के लिए एक मनोरंजक विकल्प है।

रुचिर अरुण द्वारा निर्देशित वेब सीरीज 'लूट कांड' कल्पना और वास्तविकता का मिश्रण है। यह कहानी 1995 में पुरुलिया में गिराए गए हथियारों की घटना को आधुनिक समय के साथ जोड़ती है।
कहानी लतिका (तान्या मानिकतला) और उसके भाई पलाश (साहिल मेहता) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कर्ज से बचने के लिए एक बैंक लूटने की योजना बनाते हैं। हालातों के चलते, वे एक और डकैत समूह और भ्रष्ट पुलिस अफसर धर (नितिन एन एस गोयल) के जाल में फंस जाते हैं।
लतिका और पलाश को पता चलता है कि उनके पिता भी 1995 में गायब हुए हथियारों को छिपाने के प्रयास में लापता हो गए थे और वे हथियार उनके घर में ही छिपे हैं। धर और बर्मन दोनों ही लूटे गए पैसे और हथियारों को पाने की कोशिश करते हैं।
रुचिर अरुण ने किरदारों और माहौल को स्थापित करने में समय लगाया है। हालांकि शुरुआत में कहानी धीमी है, लेकिन बाद में किरदारों की नैतिक जिम्मेदारी, जरूरतों और लालच के बीच का संघर्ष दिलचस्प हो जाता है। अभिनय की बात करें तो, तान्या मानिकतला और साहिल मेहता ने भाई-बहन के रूप में बेहतरीन काम किया है। ज्ञानेंद्र त्रिपाठी और साद बिलग्रामी ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है।
यह वेब सीरीज उन दर्शकों के लिए है जो थ्रिलर और अपराध कहानियों का आनंद लेते हैं।