चौटाला परिवार में 'चश्मा' को लेकर घमासान, INLD और JJP में खींचतान
हरियाणा में इनेलो और जजपा के बीच चुनावी निशान 'चश्मा' को लेकर जंग छिड़ गई है। जजपा ने इनेलो पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जबकि इनेलो ने पलटवार करते हुए कहा कि जजपा सत्ता सुख भोगने में पीछे नहीं है। यह विवाद इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के निधन के बाद और गहरा गया है, क्योंकि दोनों पार्टियां अब 'चश्मा' चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक रही हैं। जजपा ने चुनाव आयोग से RTI के माध्यम से जवाब मांगा था, लेकिन असंतोषजनक उत्तर मिलने पर अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।

जजपा ने इनेलो पर चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है, वहीं इनेलो ने पलटवार करते हुए कहा कि जजपा सत्ता सुख भोगने का कोई अवसर नहीं छोड़ती।
इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के निधन के बाद, इनेलो और जजपा में बंटे चौटाला परिवार के एकजुट होने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। अब इनेलो के चुनाव चिन्ह 'चश्मा' को लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं। जजपा ने आरोप लगाया है कि इनेलो ने चुनाव आयोग को आरटीआई में संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके चलते अब वे अदालत का रुख करेंगे।
जजपा नेताओं के अनुसार, 1998 के लोकसभा चुनाव में लोकदल को 'चश्मा' चुनाव चिन्ह मिला था, लेकिन 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इनेलो चुनाव आयोग की शर्तों को पूरा नहीं कर पाया। जजपा प्रवक्ता वीरेंद्र सिंधु ने सवाल उठाया कि जब इनेलो 2024 के लोकसभा चुनाव में नियमों को पूरा नहीं कर पाया, तो उसे 2024 के विधानसभा चुनाव में उसी निशान पर चुनाव लड़ने की अनुमति कैसे दी गई।
इनेलो के मीडिया प्रभारी राकेश सिहाग ने कहा कि जजपा भाजपा के साथ मिलकर सत्ता सुख भोग रही है और अब नियमों की बात कर रही है।