बिहार में फोरलेन सड़कों का जाल: कई शहरों के लिए खुशखबरी, जमीन अधिग्रहण को मंजूरी
बिहार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कई ग्रीनफील्ड फोरलेन और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की अनुमति दी है, जिससे 662 किमी लंबी सड़कों का निर्माण होगा। इन परियोजनाओं में मोकामा-मुंगेर फोरलेन, आरा-सासाराम कॉरिडोर, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है कि इन परियोजनाओं से लोगों का सफर आसान होगा और व्यापार में वृद्धि होगी, साथ ही जमीन मालिकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार में कई परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की अनुमति दे दी है।
इनमें मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड फोरलेन, आरा-सासाराम फोरलेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे शामिल हैं।
इन परियोजनाओं के तहत 662 किमी लंबी सड़कों का निर्माण होगा।
मुख्य बातें:
- बिहार में नए एक्सप्रेसवे और फोरलेन सड़कें बनेंगी।
- मोकामा-मुंगेर फोरलेन सड़क 81 किलोमीटर लंबी होगी।
- सड़क निर्माण से व्यापार और यात्रा में सुधार होगा।
आने वाला वित्तीय वर्ष सड़कों के निर्माण के लिए जमीन लेने के मामले में बहुत बड़ा होने वाला है। मंत्रालय ने जमीन लेने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे बिहार में सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी जोरों पर है।
मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क 81 किलोमीटर लंबी होगी। इसके लिए पटना, लखीसराय और मुंगेर जिले में जमीन ली जाएगी। आरा-सासाराम फोर लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर 120 किलोमीटर लंबा होगा। यह सड़क पटना रिंग रोड पर सदीसोपुर से शुरू होकर सासाराम में एनएच 19 पर सुअरा के पास खत्म होगी।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के लिए छह जिलों में जमीन ली जाएगी। एनएचएआइ ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। बिहार में अभी दो एक्सप्रेस वे बनाने के लिए जमीन लेने का काम चल रहा है। इनमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि वह बिहार में सड़कों का जाल बिछाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इन परियोजनाओं से लोगों का सफर आसान होगा और व्यापार भी बढ़ेगा। जमीन लेने की प्रक्रिया में लोगों को पूरा सहयोग दिया जाएगा और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा।