बृजभूषण शरण सिंह: झूठी गवाही पर कोर्ट का जुर्माना
भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को झूठी गवाही देने के मामले में अदालत ने 500 रुपये का जुर्माना लगाया। गोंडा की अदालत ने यह फैसला सुनाया, क्योंकि सिंह ने 1990 में एक हमले का झूठा आरोप लगाया था। अदालत में उन्होंने एक आरोपी की पहचान करने से इनकार कर दिया था। यह मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया था। अदालत ने उन्हें तलब किया, लेकिन वह पेश नहीं हुए, जिसके कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। बाद में, सिंह ने माफी मांगी और अदालत ने जुर्माना लगाकर मामले को बंद कर दिया।

विवेक मिश्रा द्वारा संपादित और भाषा द्वारा प्रकाशित इस खबर के अनुसार, गोंडा की अदालत ने भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यह जुर्माना लगाया क्योंकि उन्होंने 1990 में एक हमले का झूठा आरोप लगाया था।
मुख्य बातें:
यह मामला भाजपा के पूर्व सांसद द्वारा झूठी गवाही देने से संबंधित है।
उन्होंने मुकदमे के दौरान एक आरोपी की पहचान करने से इनकार कर दिया था।
यह मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया था।
गोंडा जिले की एक स्थानीय अदालत ने कैसरगंज से भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर झूठी गवाही देने के मामले में सुनवाई बंद करते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश द्विवेदी के अनुसार, सिंह ने नवाबगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 8 सितंबर 1990 को शाम करीब 4 बजे जब वे अपने साथियों के साथ मोहल्ला पड़ाव स्थित अपने आवास पर थे, तभी उग्रसेन सिंह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा उनसे बातचीत करने आए।
द्विवेदी ने बताया कि बातचीत के दौरान उग्रसेन सिंह ने बृजभूषण शरण सिंह पर पिस्तौल से गोली चलाई, लेकिन वे बच गए। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया कि वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा ने उन पर चाकू से हमला किया, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई। हालांकि, आसपास के लोगों के हस्तक्षेप से आरोपियों को काबू कर लिया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार, जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, लेकिन मुकदमे के दौरान उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मृत्यु हो गई। बृजभूषण शरण सिंह ने अदालत में गवाही देते हुए वीरेंद्र कुमार मिश्रा की पहचान करने से इनकार कर दिया और यह भी कहा कि उन्होंने उन पर हमला नहीं किया था।
इस आधार पर, बचाव पक्ष ने वीरेंद्र कुमार मिश्रा को बरी करने का अनुरोध किया, जिसे 11 सितंबर 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) ने स्वीकार कर लिया। साथ ही, अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ झूठी गवाही देने के लिए अलग से आपराधिक कार्यवाही करने का आदेश दिया।
द्विवेदी ने बताया कि यह मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया था और अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) की अदालत में सुनवाई हुई। बृजभूषण शरण सिंह को इस मामले में तलब किया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए, जिसके कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।
हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए और अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगी। न्यायाधीश राजेश कुमार ने वारंट रद्द कर दिया, और अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह पर 500 रुपये का जुर्माना लगाकर मामले को बंद कर दिया।