अग्निपथ योजना: पहले बैच की अग्निपरीक्षा, चार साल पूरे!

अगले साल अग्निपथ योजना की 'अग्निपरीक्षा' होगी, जिसमें पहले बैच के अग्निवीरों के चार साल पूरे हो जाएंगे। इस बैच के 75% अग्निवीरों को सेना से बाहर कर दिया जाएगा, हालांकि, कुछ राज्य सरकारों और पैरा मिलिट्री बलों ने इन अग्निवीरों के लिए कोटा निर्धारित किया है। स्थायी नौकरी पाने वाले 25% अग्निवीरों का चयन अंतिम मूल्यांकन के बाद किया जाएगा। सरकार ने अग्निपथ योजना में किसी भी बड़े बदलाव की संभावना से इनकार किया है। अग्निवीरों को सालाना 30 दिन की छुट्टी मिलती है।

Mar 16, 2025 - 08:47
अग्निपथ योजना: पहले बैच की अग्निपरीक्षा, चार साल पूरे!
अगले साल अग्निपथ योजना की अग्निपरीक्षा होगी, जिसमें पहले बैच के अग्निवीरों के चार साल पूरे हो जाएंगे। इस बैच के 75% अग्निवीरों को सेना से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ राज्य सरकारों और पैरा मिलिट्री बलों ने इन अग्निवीरों के लिए कोटा निर्धारित किया है। स्थायी नौकरी पाने वाले 25% अग्निवीरों का चयन अंतिम मूल्यांकन के बाद किया जाएगा।

अग्निवीरों का मूल्यांकन चार साल तक जारी रहेगा, जिसमें 75% बाहर हो जाएंगे और 25% स्थायी होंगे। सरकार ने अग्निपथ योजना में किसी भी बड़े बदलाव की संभावना से इनकार किया है।

अग्निपथ योजना के पहले बैच के अग्निवीरों के चार साल अगले साल अक्टूबर-नवंबर में पूरे हो जाएंगे, जिसके बाद 75% अग्निवीर सेना से बाहर हो जाएंगे। पैरा मिलिट्री फोर्स सहित कई राज्य सरकारों ने पुलिस में अग्निवीरों के लिए कुछ कोटा निर्धारित किया है। अग्निवीरों के बाहर निकलने के बाद, यह मूल्यांकन किया जाएगा कि उन्हें कहां और कैसा रोजगार मिल रहा है। सेना में अग्निवीरों का अंतिम मूल्यांकन अभी बाकी है।

रेजिमेंटल सेंटर से ही अग्निवीरों के स्थायी होने का मूल्यांकन शुरू हो गया था। सभी अग्निवीरों का पहला मूल्यांकन रेजिमेंटल सेंटर में हो रहा है। चार साल के दौरान हर साल मूल्यांकन हो रहा है, जिसके लिए उन्हें दो बार मौका भी दिया जा रहा है। हर छह महीने में टेस्ट हो रहे हैं, और जिस बार की परफॉर्मेंस अच्छी रही, उस बार के मार्क्स उस साल के मूल्यांकन में जुड़ रहे हैं। अग्निवीर सेना की इंटरनल वेबसाइट ASAAN में ये मार्क्स देख सकते हैं। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, हर स्तर पर अग्निवीरों को काउंसिलिंग भी दी जा रही है। पहले बैच का फाइनल मूल्यांकन होना बाकी है, जिसके बाद सभी को एक साथ कंपाइल किया जाएगा।

हर ट्रेड में से 25% को स्थायी होने का विकल्प मिलेगा। अग्निवीरों के चार साल पूरे होने से करीब दो महीने पहले उन्हें बता दिया जाएगा कि किन 25% को सेना में स्थायी होने का विकल्प दिया जा रहा है। सेना ने पहले ही कहा है कि अगर कोई अग्निवीर बैटल कैजुवल्टी (लाइन ऑफ ड्यूटी में जख्मी होना) है और उसे गैलेंट्री अवॉर्ड भी मिला है, तो उनका सेना में स्थायी होना सुनिश्चित है। अलग-अलग सम्मान और अवॉर्ड के अलग अतिरिक्त पॉइंट होंगे। स्पोर्ट्स के भी अलग पॉइंट्स दिए जाएंगे, जबकि अनुशासनहीनता पर नेगेटिव मार्क्स मिलेंगे।

अग्निवीर का पहला बैच निकलने के बाद, इस पर बात होगी कि क्या फीडबैक है और क्या कुछ बदलाव किए जाने चाहिए। सरकार की तरफ से पहले ही इसके साफ संकेत दिए जा चुके हैं कि अग्निपथ स्कीम में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाने वाला है। अग्निवीरों को सालाना 30 दिन की छुट्टी मिलती है, जबकि रेगुलर सैनिकों को सालाना 90 दिन की। इसमें अग्निवीरों को कुछ राहत दी जा सकती है। अग्निवीर अगर वीरगति को प्राप्त होते हैं या डिसएबल्ड (विकलांग) होते हैं, तो उन्हें और उनके परिवार को रेगुलर सैनिकों की तरह की मदद पर भी सेना सिफारिश कर चुकी है। इसके साथ ही टेक्निकल आर्म में अग्निवीरों की अधिकतम उम्र बढ़ाई जा सकती है।