ट्रंप का तीसरा कार्यकाल: संवैधानिक बाधाओं के बावजूद अमेरिकी राजनीति में खलबली
डोनाल्ड ट्रंप के एक इंटरव्यू में तीसरी बार चुनाव लड़ने की इच्छा जताने से अमेरिका में खलबली मच गई है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक रोक के बावजूद भी वो चुनाव लड़ सकते हैं। 1951 में अमेरिका में 22वां संविधान संशोधन किया गया था, जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता। फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के चार कार्यकाल के बाद यह रोक लगाई गई थी। ट्रंप के इस बयान की आलोचना भी हो रही है। स्टीव बैनन ने 2028 में ट्रंप को फिर से देखने की इच्छा व्यक्त की थी।
ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को बताया कि ऐसे तरीके हैं जिनसे यह संभव है, हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बारे में सोचना अभी जल्दबाजी होगी।
संवैधानिक रोक:
अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। यह संशोधन फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के चार कार्यकाल के बाद लागू किया गया था।
ट्रंप के इस बयान की आलोचना भी हो रही है, जिसमें प्रतिनिधि डेनियल गोल्डमैन ने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास बताया है। उन्होंने रिपब्लिकन से ट्रंप की महत्वाकांक्षाओं का विरोध करने का आग्रह किया।
यह अटकलें स्टीव बैनन के एक बयान के बाद तेज हो गईं, जिसमें उन्होंने 2028 में ट्रंप को फिर से देखने की इच्छा व्यक्त की थी। संवैधानिक कानून के प्रोफेसर जेरेमी पॉल का मानना है कि ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के पक्ष में कोई कानूनी आधार नहीं है।