लोकसभा में अमित शाह के भाषण के बीच राहुल गांधी ने दिया चैलेंज तो गृह मंत्री ने दिया खतरनाक जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनावी सुधारो पर भाषण दिया। उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
लोकसभा के माहौल में आज उस वक्त जबरदस्त हलचल मच गई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी सुधारों पर बोलने उठे। शुरुआत में उन्होंने विपक्ष के तीखे सवालों पर पलटवार किया, फिर लगातार कांग्रेस पर हमला बोलते हुए SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर साफ कहा कि 2004 तक किसी ने इसका विरोध नहीं किया था, लेकिन अब अचानक शोर मचाया जा रहा है। शाह के भाषण के बीच ही विपक्ष के नेता राहुल गांधी अचानक खड़े हुए और मंच से ही उन्हें खुली चुनौती दे डाली। इसके बाद सदन का माहौल और गरमाता चला गया।
जैसे ही अमित शाह SIR पर अपनी बात आगे बढ़ा रहे थे, राहुल गांधी ने बीच में रुकावट डालते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिबेट करने की चुनौती दे दी। शाह ने शांत स्वर में जवाब दिया कि वह 30 साल से संसद और विधानसभा में लगातार चुने जाते रहे हैं और ऐसा हस्तक्षेप पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि उनके बोलने का क्रम वही तय करेंगे, न कि राहुल गांधी।
इसके बाद राहुल गांधी फिर से उठे और बोले कि गृह मंत्री डरे और घबराए हुए जवाब दे रहे हैं। इस टिप्पणी पर अमित शाह ने तुरंत कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के चेहरे पर बेचैनी की लकीरें साफ देख ली हैं, लेकिन वह किसी भी उकसावे में नहीं आएंगे। उन्होंने दो टूक कहा कि उनका भाषण उनके तरीके से ही चलेगा। शाह ने यह भी याद दिलाया कि विपक्ष को बोलने का हक है पर सुनने का भी उतना ही हक है। इसके बाद सदन ठहाकों से गूंज उठा।
अपने भाषण में अमित शाह ने राहुल गांधी के 5 नवंबर 2025 वाले बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘परमाणु बम’ जैसा दावा किया था कि हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट दर्ज हैं। शाह ने बताया कि चुनाव आयोग ने खुद स्पष्ट किया कि हाउस नंबर 265 कोई साधारण मकान नहीं बल्कि एक एकड़ की पुश्तैनी जमीन पर बना संयुक्त आवास है, जहां कई परिवार रहते हैं। हर परिवार को अलग घर नंबर नहीं दिए गए, इसलिए पूरे परिसर का एक ही नंबर लिखा जाता है और कुछ परिवारों में तीन पीढ़ियां साथ रहती हैं। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था तो उसी समय से है जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए न यह घर फर्जी है और न ही वोट।
अमित शाह ने आगे कहा कि SIR चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने का अहम हिस्सा है। अगर मतदाता सूची ही गड़बड़ हो तो चुनाव कैसे निष्पक्ष हो सकते हैं? इसी वजह से चुनाव आयोग ने 2025 में SIR करने का निर्णय लिया, ताकि मतदाता सूची को समय-समय पर ठीक किया जा सके और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी बनी रहे।