गंगा जल: महाकुंभ में स्नान योग्य, सरकार का लोकसभा में खुलासा

सरकार ने लोकसभा में बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगा जल स्नान के लिए उपयुक्त था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, जल गुणवत्ता के सभी प्रमुख मानक संतोषजनक थे। गंगा की सफाई के लिए 2022-2025 के दौरान 7421 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि गंगा जल में पीएच, डीओ, बीओडी और एफसी का स्तर सामान्य था, जो स्नान के लिए उपयुक्त है। सीपीसीबी ने 12 जनवरी से हर हफ्ते दो बार गंगा और यमुना के पानी की जांच की।

Mar 11, 2025 - 09:29
गंगा जल: महाकुंभ में स्नान योग्य, सरकार का लोकसभा में खुलासा
प्रयागराज: लोकसभा में सरकार ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगा जल स्नान के लिए उपयुक्त पाया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, जल गुणवत्ता के सभी प्रमुख मानक संतोषजनक थे। सरकार ने गंगा की सफाई के लिए 2022-2025 के दौरान 7421 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीपीसीबी की नई रिपोर्ट के अनुसार, गंगा जल में पीएच, डीओ, बीओडी और एफसी का स्तर सामान्य था, जो स्नान के लिए उपयुक्त है।

यह रिपोर्ट पहले की रिपोर्ट से अलग है, जिसमें पानी को स्नान के लिए अयोग्य बताया गया था। सरकार ने गंगा सफाई के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को यह धन दिया है।

सीपीसीबी ने पहले एनजीटी को बताया था कि प्रयागराज में कई जगहों पर पानी नहाने लायक नहीं है, क्योंकि एफसी का स्तर अधिक था। लेकिन बाद में, 28 फरवरी को एक नई रिपोर्ट में बताया गया कि महाकुंभ के दौरान पानी नहाने के लिए ठीक था।

सीपीसीबी ने 12 जनवरी से हर हफ्ते दो बार गंगा और यमुना के पानी की जांच की, जिसमें अमृत स्नान के दिन भी शामिल हैं।