भारतीय वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन: एलियन ग्रह पर जीवन की खोज, दुनिया भर में चर्चा!

भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉ. निक्कू मधुसूदन ने पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर स्थित ग्रह K2-18b पर जीवन के संकेत खोजे हैं। नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप का उपयोग करके, उन्होंने ग्रह के वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अणुओं का पता लगाया, जो जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि K2-18b एक हाइसीन वर्ल्ड हो सकता है, जिसमें हाइड्रोजन से भरपूर वायुमंडल और महासागर हैं। डॉ. मधुसूदन ने वाराणसी के आईआईटी-बीएचयू से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उन्होंने 'हाइसीन ग्रह' शब्द गढ़ा था।

Apr 18, 2025 - 15:44
भारतीय वैज्ञानिक निक्कू मधुसूदन: एलियन ग्रह पर जीवन की खोज, दुनिया भर में चर्चा!
लंदन: पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह पर जीवन की खोज ने दुनिया को उत्साहित कर दिया है। इस खोज का नेतृत्व भारतीय मूल के कैम्ब्रिज प्रोफेसर डॉ. निक्कू मधुसूदन ने किया।

डॉ. मधुसूदन और उनकी टीम ने नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग करके ग्रह K2-18b के वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अणुओं की खोज की, जो जीवन के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

बीबीसी के अनुसार, डॉ. मधुसूदन ने कहा कि यह पृथ्वी से बाहर जीवन का सबसे मजबूत सबूत है और वे अगले एक से दो वर्षों में इसकी पुष्टि कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि K2-18b एक हाइसीन वर्ल्ड हो सकता है, जिसका अर्थ है कि इसमें हाइड्रोजन से भरपूर वायुमंडल और महासागर हैं, जो जीवन के लिए अनुकूल हो सकते हैं।

K2-18b एक एक्सोप्लैनेट है जो लाल बौने तारे K2-18 की परिक्रमा करता है। यह पृथ्वी से 2.6 गुना बड़ा और 8.6 गुना भारी है। जेम्स वेब टेलीस्कोप ने इस ग्रह पर डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) के संभावित निशान का भी पता लगाया है, जो पृथ्वी पर केवल जीवित जीवों द्वारा निर्मित होता है।

डॉ. निक्कू मधुसूदन ने वाराणसी के आईआईटी-बीएचयू से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में मेसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से पीएचडी की। वे वर्तमान में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और एक्सोप्लैनेट के निर्माण और वायुमंडलीय संरचना पर शोध करते हैं। उन्होंने 2021 में 'हाइसीन ग्रह' शब्द गढ़ा था।