जबलपुर में निधि संपरीक्षा कार्यालय घोटाला, 3 कर्मचारी सस्पेंड
जबलपुर के स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है, जिसके चलते कलेक्टर ने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में लगभग पौने सात करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया है। कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप शर्मा इस पूरे घोटाले के केंद्र में है, जिसने संयुक्त निदेशक के लॉगिन का उपयोग करके फर्जी लेनदेन किए और घोटाले की राशि अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित कर दी। प्रशासन ने संयुक्त निदेशक मनोज बरैया को भोपाल स्थानांतरित कर दिया है, और पुलिस में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है।

जबलपुर में स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। इस मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, और संयुक्त निदेशक को भोपाल मुख्यालय में तलब किया गया है। प्रारंभिक जांच में लगभग पौने सात करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया है। संबंधित खातों की जानकारी जुटाई जा रही है और पुलिस में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है।
मुख्य बातें:
- जबलपुर में करोड़ों रुपये का घोटाला, तीन कर्मचारी निलंबित।
- संदीप शर्मा ने संयुक्त निदेशक के लॉगिन का उपयोग करके फर्जी लेनदेन किए।
- जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।
जबलपुर के स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में करोड़ों रुपये का घोटाला उजागर हुआ है, जिसके बाद तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। संयुक्त निदेशक को मुख्यालय बुलाया गया है। यह घोटाला फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी धन के गबन से जुड़ा है। कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप शर्मा इस पूरे घोटाले के केंद्र में है।
स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय का मुख्य कार्य स्थानीय विभागों का ऑडिट करना है। इस कार्यालय में करोड़ों का घोटाला सामने आया। यह मामला तब प्रकाश में आया जब ट्रेजरी ने एक बिल में अंकों और शब्दों में विसंगति पाई और उसे वापस कर दिया। शुरुआती जांच में 51 लाख रुपये का घोटाला पाया गया। राज्य और स्थानीय स्तर पर गहन जांच के बाद, अब तक लगभग पौने सात करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। जांच अभी भी जारी है, और अगले कुछ दिनों में घोटाले की पूरी तस्वीर स्पष्ट होने की उम्मीद है।
तीन कर्मचारियों का निलंबन
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि घोटाले की राशि बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भेजी गई थी। जिन खातों में यह राशि भेजी गई है, उनकी जानकारी एकत्र की जा रही है। तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त निदेशक मनोज बरैया को भोपाल स्थित मुख्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा जा रहा है। यदि जांच में किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कंप्यूटर ऑपरेटर की महत्वपूर्ण भूमिका
इस घोटाले में मुख्य आरोपी कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप शर्मा बताया जा रहा है। उसने विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश भेजकर घोटाले की जिम्मेदारी ली थी। जांच से पता चला है कि संदीप शर्मा ने संयुक्त निदेशक के लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग किया और घोटाले की राशि अपनी पत्नी स्वाति मिश्रा और रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित कर दी। इसके अतिरिक्त, मृत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और अन्य राशियों में भी अनियमितताएं पाई गईं।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
प्रशासन ने संयुक्त निदेशक मनोज बरैया को भोपाल स्थानांतरित कर दिया है। एलडीसी संदीप शर्मा, डीडीओ प्रिया विश्नोई और सीमा अमित मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। संदीप शर्मा 28 फरवरी से लापता है। इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।