बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को स्वीकार नहीं कर रही है और शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को कम करके आंक रही है। मंत्रालय के अनुसार, हसीना सरकार के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है, और चरमपंथी समूह राजनीतिक शून्यता का फायदा उठा रहे हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया है, जबकि भारत सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के दायरे में लाने की मांग की है।

Mar 27, 2025 - 12:32
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने संसद में एक समिति को जानकारी दी कि बांग्लादेश सरकार अपने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे व्यवस्थित उत्पीड़न को स्वीकार नहीं कर रही है। मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की गंभीरता और स्वरूप को भी कम करके दिखाने की कोशिश की है। हसीना सरकार के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। मंत्रालय ने शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की समिति को बताया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाकर कुछ चरमपंथी समूह इस्लामी शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने समिति को भारत-बांग्लादेश संबंधों और विदेशों में बसे भारतीय समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी जानकारी दी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगियों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की खबरों को मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाना बताया है। भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कई बार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है।